जिले के पंचायत अब हाईटेक हाेने की दिशा में अग्रसर हो चुके हैं। इसके लिए जिले की सभी पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर व वाई-फाई लगाने का कार्य शुरू हो गया है। बीबीएनएल (भारत ब्रॉडबैंड निगम लिमिटेड) द्वारा ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए पंचायतस्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) को जिम्मेदारी दी गई है। इस योजना के तहत जिले की सभी पंचायतों में डिजिटल इंडिया के तहत वाई-फाई ग्राम का सपना जल्द साकार होगा।
वाई-फाई ग्राम चौपाल से सुदूर इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों व किसानों को भी कृषि संबंधी जानकारियां, वैज्ञानिक खोज, छात्रों को शिक्षा संबंधि गतिविधियां समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेगी। सभी 142 पंचायत को इस वर्ष जुलाई के अंत तक वाई-फाई ग्राम पंचायत घोषित किया जाना है। डिजिटल इंडिया के तहत आंगनबाड़ी, स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, राशन दुकानदारों, पंचायत कार्यालय भवनों में फ्री में यह सुविधा दी जाएगी। सीएससी के चिह्नित वीएलई इसकी मॉनिटरिंग करेंगे और ग्रामीणों को जागरूक करेंगे।
डिजिटल ग्राम चौपाल के लिए दो दर्जन गांव चिह्नित
डिजिटल इंडिया के दूसरे चरण में दो दर्जन पंचायतों को डिजिटल ग्राम चौपाल के लिए चिह्नित किया गया है। जिसमें बीबीएनएल के साथ सीएससी को भागीदार बनाया गया है। इसके लिए बीबीएनएल ने अंडर ग्राउंड आॅप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाकर पहले चरण का काम पूरा कर लिया है। दूसरे चरण में हर ग्राम पंचायत में वाई-फाई का यंत्र लगाने का काम शुरू हो गया है। डिजिटल इंडिया के तहत हरेक ग्राम पंचायत सरकार भवन में लोगों को इंटरनेट के माध्यम से सभी सरकारी एव गैर सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। ऑनलाइन सर्विसेज के साथ डिजिटल एजुकेशन, डिजीटल हेल्थ केयर सुविधा, बैंकिंग, कृषि सहित केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा जारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा।
जानकारी के अभाव में मुखिया बन रहे हैं योजना के विकास रोड़ा
जहां जीपीओएन मशीन असुरक्षित और वहां बिजली की असुविधा है, तो उसे तत्काल सीएससी पर लाने का निर्देश दिया गया है। कई जगह स्थानीय मुखीया जानकारी के अभाव में कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। बक्सर, सिमरी, चक्की, चौगाई, डुमरांव, ब्रह्मपुर ब्लाक में भारत नेट के तहत ऑप्टिकल फाइबर मेंटेनेंस का काम दलसागर के सीएससी संचालक जितेन्द्र चौबे को मिला है। वहीं, चौसा, राजपुर, इटाढ़ी, नावानगर आदि प्रखंडों में मेंटेनेंस का काम सुनील सिंह को दिया गया है। इस संबंध में जितेन्द्र चौबे ने बताया कि बिहार प्रभारी संतोष कुमार तिवारी ने स्वयं सभी कार्यों कि जानकारी ली है। लाकडाउन के कारण जहां समान व फाइबर नहींं पहुंच पाया था अब वहां पहुंचाया जा रहा है। जल्द ही, वाई-फाई की सुविधा शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद सरकारी संस्थान तथा लोगों से कनेक्शन लेने के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सीएससी के चिह्नित वीएलई करेंगे देखरेख
चयनित पंचायतों में ओएफसी केबल बिछाई जा चुकी है। अब उन पंचायत भवन में वाई-फाई के लिए यंत्र लगाए जा रहे हैं। इसमें इलेक्ट्रिक सप्लाई के लिए बिजली कनेक्शन और सोलर पैनल भी लगाए जाएंगे। इसकी देखरेख की जिम्मेवारी सीएससी के चिह्नित वीएलई करेंगे। ग्राम पंचायतों में उपलब्ध इंटरनेट सेवा की गति 100 एमबीपीएस का होगा और गांव के पंचायत भवन में लगाया जाएगा। वहां से सौ मीटर के दायरे में इसका नेटवर्क रहेगा। वहीं घरों में इंटरनेट सेवा का इस्तेमाल करने के लिए सीएससी के चिह्नित वीएलई द्वारा आम लोगों के घरों तक फाइबर-टू-होम केबल द्वारा बैंडबिथ कनेक्शन दिया जाएगा।
शुरू कर दिया गया वाई-फाई लगाने का काम
आज हर युवा के पा मोबाइल है। इसलिए सरकार अब गांव में वाई-फाई की सुविधा दे रही है। इसके लिए पंचायतों में हॉट स्पॉट बनाया जाएगा। पंचायतों में वाई-फाई लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। डिजिटल इंडिया के तहत अब लगभग हर तरह की सेवाएं ऑनलाइन हो गई हैं। छात्रों को नौकरी का फार्म भरना हो, ग्रामीणों को राशन कार्ड बनवाना हो, रसोई गैस बुक कराना हो या अन्य सेवाएं। लोग अपने मोबाइल या लैपटॉप से कर सकते हैं।अशोक कुमार सिंह, जिला प्रबंधक, सीसीएस
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