भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने रविवार को घरेलू क्रिकेट की बहाली के लिए स्टेट क्रिकेट एसोसिएशंस को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी कर दिया। ट्रेनिंग शुरू करने से पहले खिलाड़ियों को कंसेंट फॉर्म (सहमति पत्र) पर साइन करना होगा। इसके अलावा 60 साल से ज्यादा के ग्राउंड स्टाफ, अंपायर्स, ऑफिशियल्स और कोच को ट्रेनिंग कैंप में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी।
इस सहमति पत्र के पीछे बोर्ड का यही मकसद पर है कि दोबारा ट्रेनिंग शुरू करने से पहले खिलाड़ियों को इससे जुड़े जोखिम के बारे में पता हो।
जिम, फिजियोथेरेपी और ट्रेनिंग के लिए अलग-अलग प्रोटोकॉल तय
100 पेज के एसओपी में बीसीसीआई ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए दोबारा ट्रेनिंग के लिए जरूरी सभी बातों को शामिल किया। इसमें जिम, फिजियोथेरेपी और मेडिकल प्रोटोकॉल शामिल है। साथ ही मैदान पर लौटते वक्त किन बातों का ध्यान रखना है, इसकी जानकारी भी है।
बीसीसीआई की एसओपी की जरूरी बातें
- कैंप शुरू होने से पहले मेडिकल टीम खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ की बीते 2 हफ्ते की ट्रैवल और मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी लेगी।
- किसी भी खिलाड़ी और स्टाफ में अगर कोरोना के लक्षण नजर आते हैं, तो उन्हें पीसीआर टेस्ट से गुजरना होगा। इसके लिए तीन दिन के भीतर 2 बार टेस्ट होगा।
- दोनों टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही खिलाड़ियों को कैंप में शामिल किया जाएगा।
- खिलाड़ियों को स्टेडियम में एन-95 मास्क पहनने होंगे। लेकिन इसमें रेस्पिरेटर नहीं होना चाहिए।
- ट्रेनिंग के दौरान और सार्वजनिक स्थानों पर जाते वक्त खिलाड़ियों को चश्मे पहनने के लिए कहा है।
- ट्रेनिंग शुरू करने से पहले खिलाड़ियों के लिए वेबिनार रखा जाए। इसमें चीफ मेडिकल ऑफिसर उन्हें कोरोना प्रोटोकॉल की जानकारी दे।
- स्टेडियम आने-जाने के लिए खिलाड़ियों को अपनी गाड़ियों का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है।
- आईसीसी द्वारा लार पर प्रतिबंध के बाद घरेलू क्रिकेट में भी इसके इस्तेमाल पर रोक रहेगी।
खिलाड़ियों की सुरक्षा स्टेट एसोसिएशंस की जिम्मेदारी होगी
बोर्ड ने राज्य क्रिकेट एसोसिएशंस से कहा कि देश में कोरोना की स्थिति के हिसाब से इस गाइडलाइन में बदलाव होता रहेगा। सभी एसोसिएशंस को इसका हर हाल में पालन करना है। किसी भी तरह की ट्रेनिंग या प्रैक्टिस शुरू करने से पहले सभी क्रिकेट संघों को स्थानीय प्रशासन से मंजूरी लेना जरूरी होगा। खिलाड़ियों, स्टाफ और स्टेकहोल्डर्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्टेट क्रिकेट एसोसिएशंस की होगी।
आईपीएल में खिलाड़ियों के 4 कोरोना टेस्ट होंगे
इधर, बीसीसीआई ने आईपीएल के लिए भी एसओपी तैयार कर लिया है। इस हफ्ते फ्रेंचाइजियों को जारी कर दिया जाएगा। इसमें 14 दिन में खिलाड़ियों के 4 कोरोना टेस्ट होंगे। इसके अलावा ड्रेसिंग रूम में प्लेयर्स की संख्या नियंत्रित रखी जाएगी।
सिर्फ खिलाड़ियों को ही नहीं, बल्कि उनकी पत्नी, गर्लफ्रेंड और फ्रेंचाइजी ओनर को भी बायो सिक्योर प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। किसी भी सूरत में इसे तोड़ने की इजाजत नहीं होगी। एक बार बायो सिक्योर बबल में आने के बाद कोई भी इससे बाहर जाकर दोबारा फिर टीम में शामिल नहीं हो पाएगा।
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