सड़क दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहन चालकों को अधिक सुरक्षा के प्रयासों के तहत सरकार ने हेलमेट को अनिवार्य मानकीकरण के दायरे में लाने की प्रक्रिया शुरू की है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद देश में केवल भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से प्रमाणित हेलमेट का विनिर्माण और बिक्री ही हो सकेगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि हेलमेट को बीआईएस सूची में शामिल होने से दो पहिया वाहन चालकों की सड़क दुर्घटना में जान बच सकेगी।
मंत्रालय ने लोगों से भी मांगे हैं सुझाव
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद देशभर में दोपहिया वाहन चालकों के लिए मात्र भारतीय मानक ब्यूरो से प्रमाणित हेलमेट का ही मेन्युफैक्चरिंग और बिक्री की जाएगी। बयान के मुताबिक मंत्रालय ने दोपहिया वाहन चालकों के लिए बनाए जाने वाले हेलमेट को भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम-2016 के तहत अनिवार्य प्रमाणन के मसौदा अधिसूचना तैयार की है। मंत्रालय ने इस पर लोगों से सुझाव आमंत्रित किए हैं।
नए मानक में हेलमेट का वजन घटाया
विशेषज्ञों का कहना है कि बगैर हेलमेट अथवा हेलमेट की खराब गुणवत्ता (लोकल हेलमेट) होने पर 1,000 रुपए का चालान होगा। नए मानक में हेलमेट का वजन डेढ़ किलो से घटाकर एक किलो 200 ग्राम कर दिया गया है। गैर बीआईएस हेलमेट उत्पादन, स्टॉक व बिक्री अब अपराध माना जाएगा। ऐसा करने पर कंपनी पर दो लाख का जुर्माना व सजा होगी। लोकल हेलमेट को अब निर्यात भी नहीं किया जा सकेगा।
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