एचडीएफसी बैंक के चीफ आदित्य पुरी ने गुरुवार को रेटायरमेंट के बाद अपने फ्यूचर प्लान के बारे में हर किसी को कल्पना करन के लिए छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट के बाद वह अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से भी जुड़ना चाहते हैं। जब यह पूछा गया कि वह फाइनेंस पर काम क्यों नहीं करना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा कि फाइनेंस और टेक्नोलॉजी अब अलग-अलग चीज नहीं है।
एचडीएफसी बैंक को स्थापना से लेकर आज निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक बनाने का श्रेय आदित्य पुरी को जाता है। पुरी इस साल 26 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। एक फाइनेंशियल समाचार पत्र द्वारा आयोजित वेबीनार में पुरी ने कहा कि मैं शिक्ष से जुड़ना चाहता हूं। मैं स्वास्थ्य से जुड़ना चाहता हूं। मैं कई क्षेत्रों में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से जुड़ना चाहता हूं। मैं अपनी पसंद के काम को एंजॉय करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि अभी तो पिक्चर बाकी है, देखते चलो।
डिजिटल विकल्प बढ़ेंगे, लेकिन ब्रांच का महत्व बना रहेगा
पुरी ने यह भी कहा कि बैंकिंग के तौर-तरीकों में भविष्य में कुछ बदलाव होंगे, लेकिन डिजिटल विकल्पों के बढ़ने के बावजूद ब्रांच का महत्व बरकरार रहेगा। आप को समझना होगा कि भारतीय ग्राहकों में काफी विविधता है। कुछ ऐसे ग्राहक हैं, जो ब्रांच में ही आना चाहते हैं। ऐसा खास तौर से छोटे शहरों, ग्रामीण इलाकों और वरिष्ठ नागरिकों के मामले में होता है।
रिटायरमेंट के बाद बच्चों को समय देना चाहते हैं एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार
वेबीनार में एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार भी थे। उन्होंने कहा कि आने वाला समय डिजिटल होगा, लेकिन बैंक की शाखाओं का खास महत्व होगा। उन्होंने कहा कि चार दशकों से ज्यादा के कार्यकाल के बाद जब वह एसबीआई से रिटायर होंगे, तब अपने ग्रैंड चिल्ड्रंस के साथ समय बिताएंगे। वह भी अक्टूबर में रिटायर होने वाले हैं। लेकिन यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि उन्हें एक्सटेंशन मिल सकता है।
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