महिला सिपाही वर्षा की हत्या फिर पुरुष सिपाही अमर की आत्महत्या की हृदयविदारक घटना का एक चश्मदीद भी है। चश्मदीद बीएमपी वन की ही महिला जवान रमिता है और सुबह में उसकी भी संतरी ड्यूटी लगी थी। ड्यूटी बंटने के बाद वर्षा और रमिता फीमेल रेस्ट रूम में चली गईं। फीमेल रेस्ट रूम में पुरुषों को जाना मना है।
रमिता ने पुलिस को बताया कि वे बैठकर बात कर ही रहे थे कि पीछे के रास्ते से कमरे में अमर दाखिल हुआ। वह गुस्से में लग रहा था। अभी कुछ समझ पाते कि उसने अपनी बंदूक से वर्षा पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। फायरिंग होते देख वह चीखने लगी, कुछ कर पाती तभी उसने अपनी कनपटी में एसएलआर सटाया और खुद को भी शूट कर लिया। एसएसपी ने बताया कि पांच गाेलियां चली हैं। गाेली अमर के एसएलआर से ही चली है। 5 खाेखा बरामद हुए हैं।
सुबह 4:30 बजे ही अमर निकल गए थे घर से, 8:30 बजे पत्नी से की बात
अमर की पत्नी दीपा ने पूछताछ में पुलिस से कहा कि अमर साढ़े चार बजे ही घर से निकल गए थे। बोले थे आज कुछ जरूरी है, जल्दी जाना है। दीपा ने पुलिस से कहा कि वे मुझसे ड्यूटी बंटने के बाद करीब 8:30 बजे बात भी किए थे। हालचाल पूछा, बच्चे के बारे में पूछा फिर फोन रख दिया। वे उस वक्त बीएमपी में ही थे। उनकी बात से ऐसा नहीं लगा कि वे तनाव में थे। सही तरीके से बात किए। परेशान भी नहीं थे।
कैसे क्या हाे गया, नहीं मालूम। अमर की पत्नी ने पुलिस से कहा कि उसे वर्षा के बारे में पता था। उसने कहा कि जब अमर काफी तनाव में रहने लगे तब हमने लगभग 15 दिन पहले उससे फोन पर बात की थी। उसे समझाया था। तब उसने कहा था कि गलती हो गई है दीदी, हम खुद को बदल लेंगे। इतना कहते हुए वह आईजीआईएमएस में दहाड़ मारकर राेने लगी।
उस वक्त दाेनाें का शव यहां पहुंचा था। इधर, काेराेना की वजह से लगातार ड्यूटी करने वाले जवानाें के यहां रहने की भी व्यवस्था थी। यह व्यवस्था ऐसे जवानाें के लिए की गई थी, जाे किराए पर मकान लेकर बाहर रहते हैं। यहां के जवानाें काे भी काेराेना हुआ था, इसलिए बाहर के लाेगाें की इंट्री पर राेक लगी थी।
जिस तरह से गाेलियां मारीं, लगता है काफी गुस्से में थे
जिस तरह से अमर ने वर्षा पर चार गाेलियां बरसा दीं, उससे पुलिस अधिकारी दबी जुबान में यह कह रहे हैं कि अमर काफी गुस्से में थे। वह पूरी प्लानिंग कर आए थे कि आज दाेनाें काे मर जाना है। गिनती खत्म हाेने के फाैरन बाद यह घटना हुई। दाेनाें काे 10 बजे से ड्यूटी करनी थी। बीएमपी के जवानाें ने बताया कि अमर तीन भाई हैं। अमर के पिता ओडिशा में जवान रह चुके हैं।
अमर के एसएलआर से 5 गाेलियां चलीं, 10 बची थीं
अमर के एसएलआर से ही गाेली चली है। वह इसलिए कि उसका एसएलआर अमर की बाॅडी के नीचे रखा हुआ था। अमर के एसएलआर में कुल 15 गाेलियां लाेड थीं। इनमें उसने चार वर्षा पर दाग दीं और एक से खुद काे मार लिया। 10 गाेलियां एसएलआर में लाेड थी। अमर काे 100 गाेलियां मिली थीं। पुलिस ने एसएलआर से 10 और उनके मैग्जीन से 85 गाेलियां बरामद कीं। वहीं वर्षा का एसएलआर भी उसी कमरे के गेट के पास एक काेने में रखा था। गेट के पास ही एक ट्रंक रखा हुआ था, जिस पर दाेनाें की टाेपियां माैजूद थीं।
पांच राउंड फायरिंग के बाद बजने लगी पगली घंटी, माैके पर पहुंची एफएसएएल टीम, 5 खाेखा बरामद
गिनती शुरू हाेने के कुछ देर बाद दनादन पांच राउंड गाेलियां चलने से वहां अफरातफरी मच गई। वहां तैनात जवान व अधिकारी किसी अनहाेनी की आशंका काे देखते हुए हरकत में आ गए। थाेड़ी देर में ही पता चल गया कि रेस्ट रूम से गाेली चलने की आवाज आई है। जवान वहां गए ताे देखा दाेनाें खून से लथपथ हैं। रूम में खून पसरा हुआ है। दाेनाें के शव के पास ही एसएलआर गिरा हुआ था, जिससे गाेली चली थी। एफएसएल की टीम ने घटनास्थल से फिंगर प्रिंट समेत अन्य नमूने लिए। बीएमपी वन के अधिकारी लील बहादुर थापा के बयान पर एयरपाेर्ट थाने में केस दर्ज किया गया है। पाेस्टमार्टम आईजीआईएमएस में कराया गया।
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