ट्रेनाें की तादाद बढ़ते ही बख्तयारपुर- पटना के बीच एक बार फिर नशाखुरानी गिराेह सक्रिय हाे गया है। भले ही रेल पुलिस नशा खुरानी गिराेह पर कार्रवाई करने की बात कहे, पर यात्री इस गिराेह का शिकार हाेने लगे हैं।
बीते बुधवार काे दीघा के मखदुमपुर के गेट नंबर 89 के रहने वाले किराना काराेबारी ओमप्रकाश की पत्नी मैरी सिंह हरनाैत स्टेशन से अकेले राजगीर से दिल्ली जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस पर सवार हुईं। उन्हें उसी दिन 11 बजे पटना जंक्शन पहुंच जाना चाहिए था, पर शुक्रवार काे पटना पहुंचीं।
हद ताे तब हाे गई जब मैरी की गुमशुदगी का सनहा दर्ज कराने के लिए ओमप्रकाश बख्तियारपुर से पटना जीआरपी तक घूमते रहे, पर किसी ने आवेदन नहीं लिया। कहा- हरनाैत में जाकर आवेदन दें, जबकि जीराे एफआईआर का प्रावधान है। इस घटना से रेल पुलिस की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
...बख्तियारपुर तक का याद है, उसके बाद क्या हुआ पता नहीं
बख्तियारपुर से ट्रेन के आगे बढ़ने के बाद स्लीपर बाेगी में सवार मैरी नशाखुरानी गिराेह का शिकार हाे गईं। टीटीई टिकट चेक करने गए ताे वह बर्थ पर बेहाेश पड़ी थीं। तब तक ट्रेन पटना से आगे बढ़ चुकी थी। टीटीई ने उन्हें बिहटा में किसी तरह उतार दिया।
शिक्षिका ने बचाया
स्टेशन पर बिहटा की एक महिला टीचर की मैरी पर नजर पड़ी। वह उन्हें अपने घर ले गईं और खुद के पैसे से निजी डाॅक्टर से इलाज कराया। शुक्रवार काे जब हाेश आया ताे उन्हें ऑटाे पर बैठा दिया। तब वह घर पहुंच पाईं। मैरी काे बख्तियारपुर के बाद के सफर के बारे में कुछ याद नहीं है। इस बीच दाे दिनाें तक पूरा परिवार परेशान रहा।
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