(इन्द्रभूषण) हाईप्रोफाइल क्षेत्र राघोपुर में खेतों की जुताई में ट्रैक्टर जुटे हुए हैं। अधिकांश जुताई पूरी हो गई है। किसान खेत की मिट्टी को बराबर (हेंगाने) करने में लगे हुए हैं। खेत निहार रहे राघोपुर के किसान इस सोच में पड़े हैं कि खेत में कौन-सा बीज डालें। देसी या बाहरी। रुस्तमपुर के सुरेश राय कहते हैं कि बहुत हुआ, हम तो अब देसी बीज ही बोएंगे।
चांदपुरा के युवा ऋषि राय कहते हैं...काहे का देसी बीज। बाहरी बीज की बुआई करेंगे तो जल्दी और ज्यादा उपज होगी। हम तो यही सुनिश्चित करेंगे। राघोपुर विधानसभा क्षेत्र की चुनावी जमीन के हालात भी करीब-करीब ऐसे ही हैं। मतदान में 72 घंटे बाकी हैं और लोगों को इन्हीं चंद घंटों में फैसला कर लेना है।
दरअसल लालू परिवार के लिए पिछले 25 वर्षों से सुरक्षित गढ़ बने राघोपुर में उनके ही करीबी भोला राय ने राजद छोड़ जदयू में जाते ही बाहरी और स्थानीय का मुद्दा बनाने की कोशिश शुरू कर दी। भाजपा उम्मीदवार सतीश यादव उनके निकट के संबंधी भी हैं। पहले तो भोला राय ने अपने बेटे को इस सीट से लड़ाने की कोशिश की, पर बात नहीं बनती देख अब वे लालू परिवार को बाहरी घोषित कर सतीश यादव के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।
1995 में भोला राय ने ही अपनी विधायकी छोड़ पहली बार लालू को यहां से लड़ाया और जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। राबड़ी देवी भी यहां से लड़ीं। जीती भी। हारीं भी। सतीश पहले जदयू में थे। पिछले चुनाव में जदयू-राजद का साथ हुआ तो भाजपा में चले गए और तेजस्वी से हार गए।
साल में 8 महीने यातायात के लिए नाव ही एकमात्र सहारा
हाईप्रोफाइल राघोपुर की हकीकत यह है कि आज भी आने-जाने के लिए लोगों को ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ रहा है। दो प्रखंडों राघोपुर और बिदुपुर में बंटा राघोपुर इकलौता क्षेत्र है, जहां एक-दूसरे प्रखंड में जाने के लिए साल में 8 महीने नाव ही एकमात्र साधन है। सिर्फ चार महीने राघोपुर के लोग पीपा पुल के सहारे आपस में मिल पाते हैं। यही नहीं चंद किलोमीटर दूर राजधानी पटना भी वे चार महीने ही पीपा पुल के सहारे गाड़ियों से पहुंच पाते हैं।
अस्पताल और सरकारी स्कूल की सुविधाएं भी मानक स्तर पर नहीं हैं। हालांकि कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल तेजी से बन रहा है, जिसके अगले विधानसभा चुनाव तक बन जाने के आसार हैं। तब राघोपुर के हालात बदलेंगे। यही कारण है चुनावी प्रचार में राजद और भाजपा समर्थकों में इस पुल को बनवाने का श्रेय लेने की होड़ मची है।
इस बार चुनाव में लोजपा भी एक अहम फैक्टर है
सवा लाख यादव और 40 हजार राजपूत बहुलता वाले राघोपुर में जदयू के खिलाफ ही प्रत्याशी खड़ा करने का दावा करने वाले चिराग पासवान ने राघोपुर में राजपूत प्रत्याशी, राकेश रौशन को उम्मीदवार बनाया है। फतेहपुर के स्व. बृजनाथी सिंह के पुत्र राकेश रौशन के कारण सवर्ण वोट में हो रही सेंधमारी को रोकने के लिए भाजपा नेता राजनाथ सिंह को यहां उतारना पड़ा है। लोजपा उम्मीदवार को 28 हजार पासवान वोट पर भी भरोसा है।
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