अब काेर्ट में सरकार की ओर से मुकदमाें में भाग लेने वाले एपीपी, एपीओ व एजीपी के कामकाज का हर महीने मूल्यांकन हाेगा। उन्हें आवंटित केसाें में क्या प्रगति हुई, इसकी डीएम स्तर पर हर महीने हाेने वाली बैठक में समीक्षा की जाएगी।
डीएम ने सभी पीपी, जीपी व डीपीओ काे हर महीने प्रगति रिपाेर्ट विधि शाखा काे देने काे कहा है। साेमवार काे डीएम प्रणव कुमार की अध्यक्षता में पीपी, जीपी व अभियाेजन पदाधिकारियाें की अभियाेजन व स्पीडी ट्रायल काे लेकर बैठक हुई। डीएम ने सभी अफसराें से कहा कि वे स्पीडी ट्रायल के जरिए सजा दिलवाने के मामले में तेजी लाएं। सीएस से कहा कि सभी मेडिकल अफसर काे निर्देश दें कि वे इंज्यूरी रिपाेर्ट केस के आईओ काे अविलंब दें।
ताकि काेर्ट में इसे समय पर उपलब्ध कराया जा सके। सभी आईओ काे अब पीपी, डीपीओ व एपीपी के जरिए ही आराेपियाें के खिलाफ वारंट प्रे करने काे कहा गया। खुद वारंट के लिए प्रे करने के बदले सरकारी वकीलाें के माध्यम से इसे करने की व्यवस्था की गई है। इंज्यूरी रिपाेर्ट में डाॅक्टर का नाम व माेबाइल नंबर देने कहा है। काेर्ट से समय पर गिरफ्तारी व कुर्की का वारंट पुलिस काे मिले, इसमें सभी सरकारी वकील सहयाेग करेंगे। बैठक में एसएसपी आशीष भारती, नवगछिया एसपी स्वपना जी मेश्राम, अपर समाहर्ता राजेश झा राजा व मेडिकल काॅलेज के प्रिंसिपल भी शामिल थे।
आराेपियाें काे मुंगेर के बदले नवगछिया जेल रखा जाएगा
बैठक में तय हुआ कि काेराेना के कारण अभी सरेंडर करने वाले आराेपियाें काे मुंगेर जेल में रखने से काेर्ट में पेशी पर लाने के दौरान देरी हाे रही है। इसलिए अब उन्हें नवगछिया जेल में रखने की व्यवस्था की जाए। इसकाे लेकर सरकार से भी अनुमति ली जाएगी।
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