अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों व वहां पहुंचने वाले उनके परिजनों को जीविका द्वारा संचालित दीदी की रसोई के माध्यम से स्वच्छ, पौष्टिक व गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराई जाएगी। बुधवार को दीदी की रसोई का चूल्हा भी जल गया।
अनुमंडलीय अस्पताल में मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में उपस्थित डीएम अभिषेक सिंह ने दीदी की रसोई का उद्घाटन फीता काटकर व दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद डीएम ने दीदी की रसोई सह कैंटीन का निरीक्षण किया और विभिन्न जानकारियां हासिल की व आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
कम कीमत में स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है लेकिन इस चुनौती को स्वीकार करते हुए जीविका के दीदियों ने इस दिशा में कदम रख दिया। बता दें कि अनुमंडलीय अस्पताल में जिले का तीसरा दीदी की रसोई है।
इसके पहले जेपीएन गया और मानपुर के अस्पताल में दीदी की रसोई संचालित किया जा रहा है। इस मौके पर सिविल सर्जन डा. कमल किशोर राय, एसडीओ उपेन्द्र पंडित, उपाधीक्षक डा. राजेन्द्र प्रसाद सिंह, डीपीएम नीलेश कुमार, हेल्थ मैनेजर अनुपम कुमार आदि मौजूद थे।
गया जेपीएन में मिल रहा स्वादिष्ट खाना
डीएम अभिषेक सिंह ने कहा कि अस्पतालों में मरीजों व उनके परिजनों को खाना उपलब्ध कराना चुनौती भरा काम है। हालांकि जीविका दीदियां भी बदलाव की वाहक रही हैं। यह उम्मीद की जा रही है कि इस चुनौती को भी वे पूरा करेंगी। उन्होंने कहा कि जीविका दीदी की रसोई में भोजन की गुणवत्ता बरकरार रहेगी। क्योंकि सभी लोगों को प्रोफेशनल टेªनिंग दिया गया है। डीएम ने बताया कि गया के जेपीएन अस्पताल में जीविका दीदी की रसोई चल रही है। वहां वे सभी लोगों को निर्धारित दाम पर स्वादिष्ट खाना खिला रही है।
कैंटीन के लिए जगह हुई उपलब्ध
इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी अस्पतालों में खाना में गुणात्मक सुधार लाना व जीविका के स्वयं सहायता समूह के महिलाओं को सशक्त करना है। साथ उन्हें आर्थिक स्वावलंबी बनाना भी है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जीविका को अस्पताल परिसर में किचन व कैंटीन स्थापित करने के लिए जगह उपलब्ध कराई गई है। लेकिन दीदी की रसोई भवन का निर्माण जिलाधिकारी फंड से किया गया है।
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