राजधानी में विभिन्न विकास योजनाओं को लेकर खोदी गई सड़कों को दुरुस्त करने में सफलता नहीं मिल सकी है। खुदाई के कारण सड़कें खराब होती रहीं और सरकार के स्तर पर इन सड़कों की मरम्मत के लिए योजनाएं तैयार की जाती रहीं, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस रिजल्ट नहीं आ पाया है। सड़कों की हालत लगातार खराब हो रही है।
सबसे खराब स्थिति नमामि गंगे परियोजना के तहत चल रहे सीवरेज नेटवर्क बिछाए जाने वाले इलाकों की है। करीब डेढ़ साल से इन इलाकों में सड़कों की हालत खराब है। सरकार की ओर से इन सड़कों की स्थिति को दुरुस्त करने के लिए लगातार आदेश जारी किए गए, लेकिन इनका अनुपालन सुनिश्चित कराना संभव नहीं हो सका है।
पटना नगर निगम को भी सड़कों की दुर्दशा के बारे में वार्ड पार्षदों के माध्यम से जानकारी दी गई। पिछली नगर निगम बोर्ड की बैठक में भी जर्जर सड़कों का मसला उठा। इसमें निगम प्रशासन का कहना है कि जिन इलाकों में नमामि गंगे परियोजना के तहत कार्य चल रहा है, वहां पर जब तक निर्माण एजेंसी की ओर से एनओसी जारी नहीं किया जाता है, तब तक सड़कों का निर्माण कराना संभव नहीं हो पा रहा है।
दक्षिणी इलाकों में सबसे अधिक परेशानी
राजधानी के दक्षिणी इलाकों में सबसे अधिक परेशानी लोगों को झेलनी पड़ रही है। न्यू बाइपास रोड नेशनल हाइवे पर बेउर मोड़ के पास से अनीसाबाद होते हुए फुलवारीशरीफ की सीमा तक सड़कों को जगह-जगह खोद दिया गया है। बेउर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ने वाले सीवरेज नेटवर्क को लेकर एनएच की खुदाई हुई है।
करीब छह माह से लगातार कई बार इस सड़क की खुदाई हो चुकी है। नमामि गंगे के साथ-साथ पाइपलाइन से गैस सप्लाई योजना के लिए भी इसकी खुदाई की गई है। ऐसे में सड़क पर यातायात प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा अलीनगर, हरनीचक और बेउर के तमाम मुहल्लों के मुख्य सड़क व गलियों की हालत खराब है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2JCz4XT
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box