आज विश्व योग दिवस है। कोरोना महामारी के चलते इस बार योग दिवस घरों में मनाया जा रहा है। आप भी जहां हैं योग करके खुद को स्वस्थ्य रखिए। क्योंकि, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में योग बेहद कारगर है। जब से यह वायरस सामने आया है, तब से एक ही बात कही जा रही है कि अगर आपके फेफड़े और इम्यून सिस्टम मजबूत हैं तो फिर आप इसे आसानी से हरा सकते हैं।
विश्व योग दिवस पर भास्कर ने देश की एकमात्र योग यूनिवर्सिटी 'बिहार स्कूल ऑफ योग' के प्रमुख पद्म भूषण स्वामी निरंजनानंद से बात की। उन्होंने कोरोना से लड़ने के लिए योग की एक क्रिया नेति क्रिया, 4 प्राणायाम और 8 आसन बताए हैं। यह करके आप इम्यून सिस्टम और फेफड़ों को मजबूत कर सकते हैं। चलिए, अब इसे वीडियो में समझते हैं....
जल नेति के दौरान ये 4 सावधानी बरतें-
- इस क्रिया को उकड़ू बैठकर, सीधे खड़े होकर या दोनों पैरों के बीच समान दूरी बनाकर कर सकते हैं। बीच-बीच में आंख बंद करना भी जरूरी है। ऐसा नहीं करने से आंख से पानी आ सकता है।
- मुंह से सांस लेना बहुत जरूरी है नहीं तो छींक आ सकती है। नाक से बिल्कुल सांस न लें नहीं तो पानी सिर में जा सकता है। पानी सिर में चला गया तो परेशानी होगी।
- कमर को उतना ही झुकाएं, जिससे जल आसानी से बाहर आ सके। पानी का प्रवाह सिर्फ नासिका से ही होना चाहिए। यदि पानी गले या मुंह में प्रवेश कर रहा है तो यह संकेत है कि सिर की स्थिति ठीक नहीं है।
- नाक और सिर की किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हों तो नासिका को सुखाने के लिए जोर से सांस बाहर नहीं करें, इसे धीरे-धीरे करें।
कोरोना के लक्षणों से कैसे निजात दिलाती है जल नेति?
कोरोनावायरस नाक से शरीर में प्रवेश करता है और सबसे पहले गले पर अटैक करता है। इसके बाद यह फेफड़े में जाता है। जल नेति से यह वायरस नाक में ही खत्म हो सकता है। कोरोना से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में भी तकलीफ होती है। ऐसे में इस क्रिया से पूरी नासिका खुल जाती है। इससे फेफड़े को पूरी ऑक्सीजन मिलती है। जिन्हें दमा, निमोनिया और ब्रॉनकाइटिस की बीमारी है उन्हें भी इससे लाभ मिलता है।
जल नेति नासिका मार्ग और साइनस में जमे हुए सेलेस्मा को बाहर निकालता है। गले में जमे हुए कफ को बाहर करता है और यह क्रिया लगातार करने से कफ बनने की शिकायत दूर हो जाती है। दृषि दोष और कान के लिए भी फायदेमंद है। वायु प्रदूषण और एलर्जी से होने वाला बुखार और टॉन्सिल को भी ठीक करने में मददगार होता है।
योग के 4 प्राणायाम जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं:
जल नेति क्रिया के अलावा योग के 4 प्राणायाम हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यह कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका और भ्रामरी प्राणायाम हैं। जल नेति के बाद भस्त्रिका और कपालभाति जरूर करें। इसे करने से नाक से सारा पानी बाहर आ जाएगा और मस्तिष्क तरोताजा महसूस करेगा। जल नेति, भस्त्रिका और कपाल भाति को करने के बाद कम से कम एक घंटे तक कुछ भी नहीं खाएं। एक या दो गिलास गुनगुना पानी पी सकते हैं।
- कपालभाति: यह फेफड़े और पेट के लिए काफी फायदेमंद है। इम्यूनिटी को बढ़ाता है। हाईब्लड प्रेशर वाले इस प्राणायाम को धीरे-धीरे करें। इसे रोज कम से कम 15 मिनट जरूर करें।
- अनुलोम-विलोम: यह प्राणायाम शरीर के अंदर की हवा को शुद्ध करता है। फेफड़े को स्वस्थ रखने में यह सबसे ज्यादा फायदेमंद है। इस प्राणायाम को 10 से 15 मिनट तक करें।
- भस्त्रिका: इसको करने के लिए पद्मासन में बैठ जाएं। अगर पद्मासन में नहीं बैठ सकते हैं तो पैर मोड़कर बैठें। यह इम्यून बढ़ाती है। इससे वात, पित्त और कफ के दोष दूर होते हैं। आंख, कान और नाक को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है। हर रोज पांच से दस मिनट तक कर सकते हैं।
- भ्रामरी: यह प्राणायाम डिप्रेशन के लोगों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे रात को नींद अच्छी आएगी। इसे दो से तीन मिनट तक कर सकते हैं। इसमें किसी तरह की सावधानी बरतने की जरूरत नहीं है।
योग के ये 8 आसन भी बढ़ाते हैं इम्यून सिस्टम-
जल नेति और 4 प्राणायाम के बाद आठ आसनों के द्वारा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। ये आठ आसन हैं- शीर्षासन, सर्वांगासन, चक्रासन, कान्द्रासन, उष्ट्रासन, भुजंगासन, मयूरासन और व्याघ्रासन।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3enQLVe
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box