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48 घंटे बाद पकड़े गए दो संक्रमित, घर में ही छिपकर पुलिस को दे रहे थे चकमा https://ift.tt/2C5pn09

सीवान में 11 जून की रात रिपोर्ट आने के बाद फरार हुए बसंतपुर थानाक्षेत्र के बसांव बिनटोलिया गांव के दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों काे पुलिस ने शनिवार को पकड़ लिया। दोनों को एंबुलेंस से सीवान के आइसोलेशन केन्द्र में भर्ती करा दिया गया है। दोनों अपने ही घर में छिपे थे। बसंतपुर प्रशासन की टीम ने शनिवार को 12 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बैठक की। इसमें बीडीओ मो. आशिफ, अंचलाधिकारी मालती कुमारी, थानाध्यक्ष रणधीर कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी कुमार रवि रंजन, हेल्थ मैनेजर बीके सिंह के अतिरिक्त पुलिस प्रशासन के सभी लोग मौजूद थे।

एक घंटे की इस बैठक में रणनीति तैयार कर टीम दोनों को पकड़ने के लिए करीब 1.30 बजे गांव पहुंची। परिवार के लोगों ने टीम का फिर विरोध करना शुरू कर दिया। लेकिन, समझाने-बुझाने के बाद परिवार के लोगों ने दोनों का ठिकाना बताया। इसके बाद करीब 3.30 बजे टीम ने दोनों को कब्जे में लिया। बीडीओ ने बताया कि कुछ लोग हैं जो कोरोना महामारी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इसके चलते पुष्टि होने के बाद लोग भाग रहे हैं। मालूम हो कि 11 जून की रात बसंतपुर में 37 लोगों की पाॅजिटिव आई थी। मेडिकल टीम ने 35 लोगों को एंबुलेंस से सीवान भेज दिया था, लेकिन दो फरार हो गए थे।

  • मरीजों को पकड़ने गई टीम को झेलना पड़ा परिजनों और ग्रामीणों का विरोध, समझाने के बाद माने और दोनों का ठिकाना बताया
  • 11 जून की रिपोर्ट में बसंतपुर के 37 लोगों में कोरोना का संक्रमण मिला था, 35 तो पकड़़ में आए थे पर दो चकमा देकर भाग गए थे

आंदर: 4 पॉजिटिव मिलने के बाद भी गांवों को नहीं किया सील
अलग-अलग पंंचायत के चार कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद पंचायत के गांवों में खलबली मच गयी है। ज्ञात हो कि चारो व्यक्ति आंदर, भवराजपुर, असाव, कटवार गांव के हैं। जिन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है उनमें से दो मुंबई, एक गुजरात, एक फरीदाबाद से लौटा है। उन्हें गांव में प्रवेश नहीं करने दिया गया था। वे गांव के बाहर मध्य विद्यालय जमालपुर में बने क्वारेंटाइन सेंटर में ही रखे गए थे। स्वास्थ्य प्रबंधक बमधुरेंद कुमार ने बताया कि 9 जून को 17 लोग क्वारेंटाइन सेंटर से और 25 लोग होम क्वारेंटाइन से कुल 42 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे।

लेकिन, 10 जून क्वारेंटाइन सेंटर से 14 दिन पूरा होने पर चारों को छोड़ दिया गया था। जैसे ही 12 जून को चारों की रिपोार्ट कोरोना पॉजिटिव आई तो मेडिकल टीम द्वारा घर से उन्हें लाया गया। लोगों काे इसका पता चला तो लोगों में डर समा गया। गांव के लोगों का कहना है कि जब जांच के लिए सैंपल भेजा गया था तो रिपोर्ट आने तक उन्हें सेंटर में रखा जाना चाहिए था।

महाराजगंज के दो पॉजिटिव युवक आए थे गुरुग्राम से
कसदेउरा पंचायत के परेमन टोला और तेवथा पंचायत के सिकंदरपुर गांव में गुरुग्राम से आए प्रवासियों में कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आने की सूचना के बाद से पूरे महाराजगंज क्षेत्र में हड़कंप मच गया। हरियाणा के गुरुग्राम से एक प्रवासी 27 मई और दूसरा प्रवासी 29 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आया था। 27 मई को आए प्रवासी की पहचान 16 वर्षीय युवक तेवथा पंचायत के सिकंदरपुर गांव के रहनेवाले के रूप में हुई है। जबकि 29 मई को आए प्रवासी 35 वर्षीय कसदेउरा पंचायत के परेमन टोला गांव का बताया जा रहा है। प्रशासन द्वारा रेड जोन से आने के कारण इन लोगों को डीएवी स्कूल में बनाएं गए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था। वहां से 10 जून को मेडिकल विभाग द्वारा सैंपल जांच के लिए भेजा गया था जहां 12 जून को कोरोना पाॅजिटिव रिपोर्ट आई थी।



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48 hours later, two caught infected, hiding in the house and giving it to the police


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