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शहर में पहले की तरह लग रही भीड़, अब भी 50 प्रतिशत लोग नहीं लगा रहे हैं मास्क https://ift.tt/3dXZKMU

जिले में लगातार बढ़ रही संक्रमितों की बढ़ती संख्या व प्रशासन के लगातार अपील के बावजूद जिस तरह से सड़कों पर भीड़ का उत्पन्न हो रही है, यह कोरोना से डरने वाले व सतर्क रहने वाले लोगों को और डरा रहा है। गौरतलब हो कि लॉकडाउन की छूट के बाद अभी भी विभिन्न राज्यों से जिले में बड़ी संख्या में प्रवासी आ रहे हैं, जिनका अब प्रशासन के पास कोई रिकार्ड नहीं रह रहा है। इनमें से ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में चले जा रहे हैं। सूचना मिलने के बाद जांच के नाम पर लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जरूर की जा रही है।

वह भी सभी श्रमिकों की थर्मल स्क्रीनिग भी नहीं हो पा रही है। फिलहाल जिले के शहरी व ग्रामीण इलाके में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। जाने-अनजाने उनसे संपर्क में आने वाले भी संक्रमित हो जा रहे हैं। दूसरी ओर, लॉकडाउन हटाने के बाद लोग लगातार बेपरवाह भी होते चले जा रहे हैं। जहां शहर के बाजार एक बार भीड़भाड़ के चलते फिर से गुलजार हो गए हैं, वहीं गांवों में चट्टी चौराहों पर पहले की तरह ही जमावड़ा लग रहा है। जमावड़े में बाहर से आए लोग भी बड़े आराम से शामिल हो रहे हैं। मैदानों में क्रिकेट मैच भी जमकर हो रहे हैं और पुलिस अब महज खानापूर्ति करती दिख रही है। स्थानीय बाजार में शनिवार की दोपहर ऐसी भीड़ उमड़ी की दिन भर जाम लगा गया। कहने के लिए शर्तों के आधार पर ही दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई।

डीएम ने कहा- कोरोना के साथ जीने की आदत डालने का मतलब जानलेवा संक्रमण को गले लगाना नहीं, जीवन की सुरक्षा के प्रति खुद सतर्क व गंभीर होना जरूरी

चाय व पान की दुकानों पर पहले की तरह ही लग रही भीड़
मिष्ठान, चाय सहित खान-पान की दुकानें भी खुल गई हैं। ऐसे में लोगों ने सुबह से शाम तक वहां बैठना और चर्चा-परिचर्चा भी पहले की तरह ही शुरू कर दिया है। ऐसा प्रतीत हाे रहा है मानो कोरोना का डर उनमें जरा भी नहीं है। लोग आफत आने पर देखेंगे के अंदाज में व्यवहार कर रहे हैं। इस तरह के हालात जिले में कम्युनिटी स्प्रेड के संवाहक हो सकते हैं और फिर स्थिति संभाले नहीं संभलेगी। कुछ दुकानदारों को होम डिलेवरी का लाइसेंस दिया गया है।

नियमों की हाे रही अनदेखी
आम लोगों की हर जगह बेपरवाही से प्रेरित वाहन वाले भी संक्रमण के खतरे की जमकर अनदेखी कर रहे हैं। यात्री वाहनों में सवारी धीरे-धीरे आम होते जा रहे हैं। इतना ही नहीं, तिपहिया और अन्य सवारी वाहनों में भी मानकों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। शहर में चलने वाले टेंपो से लेकर लगभग हर यात्री वाहनों में नियमों की अनदेखी खुलेआम चल रही है। एक टेंपो पर पांच से छह सवारी तक बैठाया जा रहा है। यह कोरोना संक्रमण काल के लिए घातक हो सकता है।

संक्रमण से सुरक्षा के लिए तय किए गए नियमों को कड़ाई से पालन करने की अपील

इधर जिलाधिकारी नवीन कुमार ने एक बार फिर जिलेवासियों से कोरोना के संक्रमण के प्रति आगाह करते हुए उन्हें संक्रमण से सुरक्षा के लिए तय नियमों को कड़ाई से पालन करने की अपील की है। उन्होंने अपनी अपील में कहा है कि लॉकडाउन के छूट के बाद लोगों को कोरोना के साथ जीने की आदत डालने की सलाह दी गई है। लेकिन इसका कतई मतलब नहीं है कि लाेग खतरनाक व जानलेवा बीमारी को गले लगा लें। उन्होंने हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज भी कोरोना से उतना खतरा नहीं है बल्कि लोगों की लापरवाही स्थिति को खराब कर रहा है।

डीएम ने कहा कि जीवन को आगे बढ़ाने के लिए लॉकडाउन हमेशा का विकल्प नहीं है। अब लोगों को सतर्क रहकर कोरोना से मुकाबला करना होगा। इसके लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। लोग जब भी जरूरी काम से घरों से बाहर निकलें, मास्क का निश्चित रूप से प्रयोग करें और हर पल सोशल डिस्टेंसिंग का खुद कड़ाई से पालन करें। आखिर पुलिस कितने लोगों के पीछे हमेशा पड़ी रह सकती है। खुद लोगों को अपने जीवन की सुरक्षा के प्रति गंभीर व जिम्मेदार होकर सुरक्षा के तय नियमों के पालन की आदत डालनी होगी। यही कोरोना पर जीत का सीधा रास्ता है।



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The crowd looks like before in the city, still 50 percent people are not applying masks


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