विधानसभा चुनाव को देखते हुए बुधवार की देर शाम डीआईजी सुजीत कुमार ने एक जिले में 3 वर्ष तक पदस्थापित रहने वाले 10 इंस्पेक्टर, 54 दारोगा और 5 प्रारक्ष अवर निरीक्षक (प्रशिक्षण) का तबादला कर दिया। इसमें भागलपुर रेंज के तीनों जिले भागलपुर, बांका और नवगछिया के पुलिसवाले शामिल थे। उधर, अपर पुलिस महानिदेशक जितेंद्र कुमार ने लॉकडाउन और कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य भर में हर तरह के तबादले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया।
एडीजी के जारी आदेश के बाद रेंज के तीनों जिलों के 69 पुलिसवालों के तबादले पर तत्काल रोक लग गई और जो जहां पदस्थापित है, उसी स्थान पर बने रहेंगे। जारी किए गए आदेश में यह साफ कर दिया कि पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों के किए गए स्थानांतरण को अगले आदेश तक क्रियान्वयन नहीं किया जाए। यानी स्थानांतरित पदाधिकारी और कर्मी को विरमित नहीं किए जाएं।
यदि विरमित आदेश जारी हो चुका है और स्थानांतरित पुलिस पदाधिकारी और कर्मी भौतिक रूप से प्रस्थान नहीं किए हों, तो उनका पुन: समायोजन मूल कार्यालय में ही कर लिया जाए। बताया जाता है कि उक्त तबादले को लेकर डीआईजी ने तीनों जिले के एसपी के साथ पहले ही बैठक की थी। इसके बाद बुधवार की देर शाम तबादले की सूची को अंतिम रूप दिया था। इसमें कुछ वैसे पुलिस पदाधिकारी भी बदले गए, जो सेवानिवृत्ति निकटता के आधार पर अपने गृह जिले में नौकरी रह रहे थे।
जिन पुलिस पदाधिकारियों का रिटायरमेंट 6 माह से कम है, उनके तबादले पर विचार नहीं किया गया। लेकिन जो 6 माह बाद रिटायर होंगे, उनको गृह जिले से स्थानांतरित कर रेंज के दूसरे जिले में भेज दिया गया था। बताया गया कि इस तबादले के बाद जल्द ही सिपाही, हवलदार का भी स्थानांतरण होना था, जो एक जिला में तीन साल या उससे अधिक समय से नौकरी कर रहे हैं। स्थानांतरित होने वाले प्रमुख इंस्पेक्टरों में कोतवाली इंस्पेक्टर अमर विश्वास, विधि व्यवस्था इंस्पेक्टर कुणाल आनंद चक्रवर्ती, अभियोजन कोषांग प्रभारी मो. इनामुल्लाह, कहलगांव सर्किल इंस्पेक्टर अजीत कुमार सिंह सहित अन्य के नाम शामिल थे।
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