आईपीएल इस बार यूएई के तीन शहरों- अबू धाबी, दुबई और शारजाह में 19 सितंबर से 10 नवंबर तक खेल जाएगा। बीसीसीआई को यूएई में मेजबानी के लिए भारत सरकार की तरफ से रही झंडी मिल गई है। ऐसे में कम से कम 50 युवा क्रिकेटरों को फ्रेंचाइजी की आठ टीमों के साथ नेट बॉलर के तौर पर यूएई जाने का मौका मिल सकता है।
टीमें बैट्समैन को प्रैक्टिस कराने के लिए अपने साथ युवा गेंदबाजों को ले जाने की योजना तैयार कर रही हैं। युवा गेंदबाजों को इंडिया टीम के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी, ऋषभ पंत और सुरेश रैना जैसे बल्लेबाजों को नेट प्रैक्टिस के दौरान गेंदबाजी करने का मौका मिलेगा।
तीन फ्रेंचाइजी टीमें चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स और दिल्ली कैपिटल ने एजेंसी को इसकी पुष्टि की है। तीनों टीमों ने नेट बॉलर के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
टीमें नेट बॉलरों की तैयार कर रही है सूची
चेन्नई सुपर किंग्स के सीईओ काशी विश्वनाथन ने मंगलवार को एजेंसी को बताया, “हम यूएई में अभ्यास सत्रों के लिए 10 गेंदबाजों को लेने की योजना बना रहे हैं। वे टीम के साथ होंगे और टूर्नामेंट शुरू होने तक रहेंगे।”
कोलकाता नाइट राइडर्स ने भी पुष्टि की कि उनके रोस्टर में 10 नेट बॉलर भी होंगे, मुंबई के पूर्व कप्तान और उनके अकेडमी कोच अभिषेक नायर इसके लिए गेंदबाजों का चयन करेंगे। दिल्ली कैपिटल भी 6 बॉलरों को अपनी सूची में ले रही है, जो टीम के बायो सिक्योर का हिस्सा होंगे। वहीं, राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु भी अपनी अकेडमी से नेट बॉलरों के लिए सूची तैयार कर रही है।
रणजी और अंडर-19, 23 खेल चुके युवा गेंदबाजों को मिलेगा मौका
टीमों ने नेट बॉलरों की खोज शुरू कर दी है। फ्रेंचाइजी टीमों ने अपने राज्यों से रणजी खेले और अंडर-23 और अंडर-19 चुके क्रिकेटरों को अपने साथ जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं, कुछ टीमें ऐसे युवा गेंदबाजों की सूची तैयार कर उनके परफॉरमेंस को खंगाल रही है, जो आईपीएल की नीलामी के लिए बीसीसीआई की लिस्ट में शामिल थे, लेकिन उन्हें किसी भी टीम ने नहीं खरीदा।
टीमें जूनियर प्लेयर और लोकल बॉलर को नेट बॉलर के तौर पर देती थी मौका
इंडिया में आईपीएल होने के दौरान फ्रेंचाइजी टीमें जूनियर प्लेयर्स और लोकल बॉलर को ही प्रैक्टिस सेशन में बैट्समैन को गेंदबाजी करने का मौका देती थी। चूंकि, इस बार आईपीएल यूएई में हो रहा है। वहां पर बायो-सिक्योर माहौल में टूर्नामेंट में है। ऐसे में लोकल बॉलर को सुरक्षा कारणों से मौका देना मुश्किल होगा। इसलिए टीमें बॉयो-सिक्योर माहौल के लिए बनाई गई प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए यहीं से नेट बॉलर को लेकर यूएई जाना चाहती हैं।
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