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मुशहरी और मुरौल के 10 गांवों के लोग भिड़े, चले लाठी-डंडे जमकर रोड़ेबाजी, 7 पुलिसकर्मी व एक दर्जन ग्रामीण जख्मी https://ift.tt/2PiFc70

बूढ़ी गंडक नदी से तिरहुत नहर में आए पानी की दिशा मोड़ने के लिए प्रशासनिक स्तर पर नहर के दाएं तटबंध को काटने के समर्थन और विरोध में मुशहरी व मुरौल प्रखंड के 10 गांवों के लोग रविवार को 11 बजे भिड़ गए। एक हजार से अधिक ग्रामीणों की भीड़ के बीच डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह व पुलिस की मौजूदगी में लाठी-डंडे से मारपीट होने लगी। दोनों ओर से जमकर रोड़ेबाजी हुई। भिड़ंत में दोनों ओर से एक दर्जन ग्रामीण घायल हुए। वहीं, प्रशासनिक अधिकारी समेत 7 पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए।

एक पुलिस के एक जवान का सिर रोड़ा लगने से फट गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर ग्रामीणों को भगाया। इसके बाद महमदपुर कोठी गांव के पास प्रशासनिक देखरेख में तिरहुत नहर का तटबंध जेसीबी से काटकर पानी का रुख मुरौल की ओर मोड़ दिया गया। तिरहुत नहर का तटबंध एक दिन पहले महमदपुर कोठी के पास टूट गया था। इसका पानी सकरा की नौ पंचायतों में फैल गया। इधर, पानी का दबाव पश्चिम की ओर बाएं तटबंध पर अधिक होने से दूसरी ओर भी रिसाव होने लगा। बायां तटबंध को बचाने के लिए महमदपुर, दरधा, नरौली, मनिका, मुशहरी तक के ग्रामीण बांध पर आ गए। इन ग्रामीणों का कहना था कि जब दायां तटबंध टूट ही चुका है तो उसे एक जगह और काट दिया जाए। इससे बायां तटबंध नहीं टूटेगा।

इसके बाद बाएं तटबंध के इलाके के लोग दाएं तटबंध को काटने का प्रयास करने लगे। इसके बाद दाएं तटबंध को काटने का विरोध मुरौल, पिलखी, मीरापुर गांव के ग्रामीण करने लगे। फिर दोनों ओर से तनाव उत्पन्न हो गया। वहीं, सकरा के पैगम्बरपुर पंचायत के भरवारी पुल के निकट कदाने नदी का तटबंध मरम्मत किए स्थान से रविवार आठ बजे फिर से टूट गया। जिससे नदी का पानी तेजी से बाहर फैलने लगा। इससे बरुआडीह पंचायत के कई गांव में जल स्तर बढ़ने लगा। कांग्रेस नेता हरिनंदन ठाकुर ने प्रशासन से बाढ़ पीड़ित को सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।

बराज नहीं हाेने से बूढ़ी गंडक का पानी उल्टी दिशा में बहा नहर पर बराज का प्रस्ताव

उग्र ग्रामीणों को समझाते डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह।

बूढ़ी गंडक नदी पर बराज नहीं हाेने से तिरहुत नहर का बांध टूटने के बाद बूढ़ी गंडक नदी का पानी उल्टी दिशा में बहने लगा। इससे पूसा रोड में तिरहुत नहर पर बने छोटे पुल से तेजी से पानी का बहाव उल्टी दिशा में होने लगा। जिससे बाएं तटबंध पर दबाव बना हुआ है। यह कभी भी टूट सकता है। हालांकि तिरहुत नहर पर बने छोटे पुल के ऑफ स्ट्रीम में दाया तटबंध दूसरी जगह टूट गया है। डीएम डाॅ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि बराज नहीं हाेने से बूढ़ी गंडक नदी का पानी तिरहुत नहर के टूटे बांध से मुराैल व सकरा प्रखंड में फैल गया है। डीएम ने कहा कि यहां बराज की आवश्यकता है। विभाग काे वह बराज निर्माण के लिए प्रस्ताव दे रहे हैं। पानी फैलने से 50 हजार की आबादी सीधे प्रभावित हुई है।

बूढ़ी गंडक का पानी पूसा हाेते हुए समस्तीपुर तथा वैशाली के पातेपुर स्थित बरैला झील में जा रहा है। इससे बाएं तटबंध को बचाने में तकनीकी टीमों को प्रयासरत रहने का निर्देश दिया गया है। ग्रामीणों के सुझाव और उस पर तकनीकी विभागों के समर्थन के बाद टूटे हुए तटबंध (दाहिना) से 50 मीटर और पुल की तरफ कार्य शुरू किया गया, ताकि बाएं तटबंध को पानी के दबाव से बचाया जा सके और तटबंध सुरक्षित रह सकें। बाएं तटबंध को बचाने का कार्य जारी था, इस बीच पुल के ऑफ स्ट्रीम में दाहिना तटबंध दूसरी जगह टूट गया। ऐसी स्थिति में कार्य रोकते हुए तकनीकी विभागों के टीम को बायां तटबंध बचाने के लिए प्रयासरत रहने का निर्देश दिया गया है।
दर्ज होगी प्राथमिकी

मुराैल के महमदपुर काेठी में ग्रामीणाें के दाे गुटाें के बीच हाेती भिड़ंत।

जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कमल सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि ग्रामीणों के द्वारा पथराव के कारण कुछ पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है। स्थिति को तनावपूर्ण बनाने, किए जा रहे कार्य में बाधा पहुंचाने वाले तत्वों को चिन्हित करते हुए उन पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।



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रोड़ेबाजी में घायल मुकेश पासवान, किशाेरी पासवान अाैर अरविंद।


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