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राज्य में बाढ़ की स्थिति हुई और भी गंभीर, 16 जिले चपेट में; 66 लाख लोग प्रभावित https://ift.tt/3ibxpUT

राज्य में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती चली जा रही है। मुजफ्फरपुर जिले के तिरहुत मुख्य नहर के साथ लखनदेई, बाया और कदाने नदी के टूटे तटबंधों से लगातार नए क्षेत्रों में पानी फैल रहा है। सारण में गंडक बराज से लगातार पानी डिस्चार्ज किए जा रहे है। लिहाजा यहां बाढ़ का कहर है। वहीं, सीवान में दरौली क्षेत्र में सरयू नदी ने 22 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। नदी उफान पर है।

सूबे में बाढ़ का दायरा 16 जिलों की 1165 पंचायतों तक फैल गया है। मधेपुरा और सहरसा दो नए बाढ़ प्रभावित जिले हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव एम.रामचंद्रु डू ने बुधवार को बताया कि बाढ़ से राज्य में 66 लाख लोग प्रभावित हैं। 24 घंटे पहले तक राज्य में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या 59.70 लाख थी। अपर सचिव ने बताया कि अब तक 375547 परिवारों के बीच प्रति परिवार 6-6 हजार रुपए के हिसाब से ग्रेच्युटस रिलीफ के रूप में 255 करोड़ रुपए बांटे गए हैं।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने नावों के जरिए अब तक 4.80 लाख लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। अपर सचिव ने बताया कि गोपालगंज में 2, खगड़िया में 1 और समस्तीपुर में 5 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इनमें 12000 लोग शरण लिए हुए हैं। इसके अलावा 1379 कम्युनिटी किचेन में प्रतिदिन 9.57 लाख लोग भोजन कर रहे हैं। बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जरूरतमंद लोगों को पॉलिथीन सीट्स उपलब्ध कराए गए हैं।

समस्तीपुर : तीन रेलखंडों में रेलवे ट्रैक एवं रेल पुलों के निकट पहुंचा बाढ़ का पानी

समस्तीपुर में स्पेशल ट्रेनों का परिचालन बाधित है। इस मंडल के समस्तीपुर-दरभंगा, दरभंगा-सीतामढ़ी एवं सहरसा-मानसी रेलखंडों पर स्थित 6 रेलपुलों के निकट बाढ़ का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर आ जाने के कारण पूर्व मध्य रेल द्वारा सुरक्षात्मक कदम उठाते हुए इन रेलखंडों पर चलायी जा रही स्पेशल ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है। कुछ ट्रेनों का आंशिक समापन/ प्रारंभ कर भी परिचालन हो रहा है। सीपीआरओ ने बताया कि स्थिति सामान्य होते ही सभी ट्रेनें अपने पूर्व निर्धारित मार्ग से चलने लगेंगी। समस्तीपुर-दरभंगा मुख्य रेलमार्ग के बीच 3 रेलपुल तथा दरभंगा-सीतामढ़ी रेलमार्ग पर कमतौल और जोगियारा स्टेशन के बीच एक रेलपुल पर बाढ़ का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। सहरसा-मानसी रेलखंड पर कोपरिया से बदला घाट के बीच 2 रेलपुलों के निकट भी बाढ़ का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है।

सारण : गंडक बराज से 1.5 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज, 10 नए गांवों में भी आई बाढ़

सारण तटबंध से सटे आठ प्रखंडों में बाढ़ का कहर है। अभी 350 गांव के साढ़े तीन लाख आबादी प्रभावित है। बुधवार को मढ़ौरा,मकेर और मशरक के 10 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। अब तक 20 हजार हेक्टेयर से अधिक फसल बर्बाद हो चुका है। तरैया प्रखण्ड में बाढ़ की तबाही का मंजर ऐसा है कि 10 दिनों से बाढ़ की पानी से घिरे होने के कारण गरीबों के झोपड़ीनुमा मकान अब सर गल कर उजड़ने लगे है। अर्धपक्के मकान ध्वस्त होने लगे है।

सीवान : खतरे के निशान से 68 सेमी ऊपर बह रही सरयू, गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

दरौली क्षेत्र में सरयू नदी ने 22 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। तीन दिनों से लगातार हो रही जलस्तर में वृद्धि के कारण नदी उफान पर है। इसके कारण दरौली के पश्चिमी भाग से आबादी वाले इलाके में पानी घुस गया है। बुधवार की सुबह वार्ड 7 और 8 के करीब 20 घरों में अफरातफरी मच गई। नदी के पानी से एक दर्जन से अधिक गांवों के सैकड़ों एकड़ में खेती बर्बाद हो चुकी है। तीन दिनों में करीब ढाई फीट पानी बढ़ा है।



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Flood situation in the state became even more severe, 16 districts vulnerable; 66 million people affected


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