राज्य के मेडिकल काॅलेज अस्पतालों के जूनियर (पीजी, डिप्लोमा) डॉक्टर ने लंबित मांगें पूरी नहीं होने पर 27 अगस्त से कार्य बहिष्कार करेंगे। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन बिहार के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र कुमार, डॉ. रामचंद्र कुमार और सचिव डॉ. कुंदन सुमन ने शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को ज्ञापन देकर उन मांगों पर विचार कर आदेश निर्गत करने का अनुरोध किया है।
उन्हाेंने कहा कि तीन साल पर स्टाइपेंड का पुनरीक्षण करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसलिए जनवरी 2020 से पीजी, डिप्लोमा छात्रों का स्टाइपेंड 50 हजार, 55 हजार और 60 हजार से बढ़ाकर 80 हजार, 85 हजार और 90 हजार किया जाए।
काेराेना काल में प्राेत्साहन राशि व बीमा सुविधा मिले
उन्हाेंने कहा कि जूनियर रेजिडेंसी स्कीम लागू की जाए। पीजी करने के बाद तीन साल तक अनिवार्य सेवा देने के लिए बांड का प्रावधान है। पीजी के बाद अधिकतर छात्र-छात्राएं डीएम, एमसीएच, डीएनबी, फेलाशिप करने में रुचि रखते हैं। बांड में इस कोर्स के लिए अवकाश का उल्लेख नहीं है। छात्राओं के लिए मैटरनिटी लीव का भी उल्लेख नहीं है। बांड तोड़ने की स्थिति में प्राप्त वेतन की राशि को वापस नहीं लिया जाए। डिग्री-डिप्लोमा के दौरान एक साल में सिर्फ 12 दिन का आकस्मिक अवकाश दिया जाता है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3hjPNuB
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box