सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर हाल के दिनों में सुर्खियों में रहे बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी। सुशांत केस से लेकर बिहार विधानसभा की तैयारियों और शराबबंदी पर उन्होंने दैनिक भास्कर के विशेष संवाददाता अतुल उपाध्याय से खास बातचीत की। पेश है इंटरव्यू के अंश:-
सवाल- सुशांत सिंह राजपूत केस में मुम्बई पुलिस के रवैये पर क्या कहेंगे?
जवाब- यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था। सुशांत केस में मुंबई पुलिस ने एडीआर(एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट) रिपोर्ट की। उन्होंने कोई एफआईआर नहीं की। जबकि मामला शुरू से ही सस्पेक्टेड था। सिर्फ मशहूर लोगों के बयान लिए गए लेकिन किसी को कुछ नहीं बताया। हमने चार लोगों की टीम भेजी तो उनको सहयोग भी नहीं किया गया। एक आईपीएस अफसर को भी भेजा गया तो उनको क्वारेंटाइन किया गया। इसलिए मुम्बई पुलिस की भूमिका के बारे में गहरे संदेह पैदा हुए। उनका रवैया अनैतिक और गैर पेशेवर रहा।
सवाल- हार पुलिस के मुखिया के नाते सुशांत केस में आपने जितना पेशेवर रुख अख्तियार किया उसके बाद भी आप पर यह आरोप लगते रहे हैं कि आप राजनीति में आना चाहते हैं, इसलिए ऐसा कर रहे हैं?
जवाब- राजनीति में आने के लिए ऐसा करना जरूरी थोड़े ही है। हमने तो सिर्फ सुशांत को न्याय देने के लिए ऐसा किया। संजय राउत ने बिहार के सीएम के बारे में अपमानजनक विशेषण का प्रयोग किया। सुशांत के पिता, परिवार और बिहार पुलिस के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की। सुशांत की लड़ाई में जो अगुआ बनकर खड़ा हुआ उनपर आरोप लगाए गए।
सवाल- इस केस को राजनीति से जोड़ कर देखना कितना सही है?
जवाब- सौ प्रतिशत गलत है। हमने पूरी तरह से तटस्थ भाव से सुशांत को न्याय दिलाने के लिए काम किया। किसको फायदा हुआ और किसको नुकसान यह देखना हमारा काम नही। हां यह जरूर कहूंगा कि बिहार के सीएम के बिना सहयोग के सुशांत को न्याय नहीं मिल सकता था। न्याय के लिए सीएम बिहार पुलिस के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे।
सवाल- कोरोना काल में चुनाव की तैयारी कैसे हो रही है जबकि काफी संख्या में बिहार पुलिस के जवान और अफसर भी इससे प्रभावित हैं?
जवाब- कोरोना काल में चुनाव बहुत बड़ी चुनौती है। लेकिन, यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। चुनाव कराना,न कराना यह बिहार पुलिस या राज्य सरकार के हाथ में नहीं है। यह फैसला चुनाव आयोग को लेना है। जैसा कि हाल के दिनों में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कई मौकों पर कहा है उससे यह संदेश मिल रहा है कि चुनाव समय पर ही होगा। कोरोना के कारण स्थिति थोड़ी विकट जरूर है। इसको देखते हुए आयोग बिहार में बूथों की संख्या भी बढ़ा रहा है। फिर भी चुनौती है लेकिन हम चुनाव करा लेंगे।
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