प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश से पहाड़ी नदियों में उफान आ गया है। परिणामस्वरूप पहाड़ी नदियों का पानी धान के खेतों तक पहुंच गया है। नौहट्टा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत दारानगर मौजा में सिंहपुर, देवीपुर, बैलौंजा गांव और शाहपुर की सैकड़ों एकड़ धान की फसल जल में डूब गई है। वहीं किसानों द्वारा कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर इसी तरह बारिश होती रही तो जलमग्न हुई धान की फसल चौपट हो जाएगी।
किसानों की जमीन में लगी धान की फसल बड़े पैमाने पर डूब गई है। खेत तालाब जैसे दिखाई देने लगे हैं। प्रकृति की यह मार किसान प्रति वर्ष झेलता है। धान जलमग्न होने पर किसानों में मायूसी है। राम बच्चन प्रजापति, सुनील यादव, देवेंद्र दुबे, राम चन्दर प्रजापति, सिंधु दुबे आदि का कहना है कि जल के निकासी के लिए एक ही छोटा पुल है जिसके नाले से कई दिनों में पानी धीरे-धीरे निकलता है। टूटे हुए पुल का निर्माण हो जाता तो धान के खेतों में जलजमाव होने से राहत मिल जाती और फसल बर्बाद होने से बच जाती।
सोती पुल टूटने से खेतों में जमा हो रहा पानी
ज्यादा जल निकासी सोती पुल से होती है जो टूट चुका है। लोगों द्वारा पुल पर मिट्टी डालकर पानी के बहाव को बंद कर दिया गया है। जिस कारण किसानों की धान की फसल लगातार तीन दिन तक पानी में डूबी रहने से गल कर खराब होने की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।
किसानों का कहना है कि पहले तो धान की फसल पानी के अभाव में सूख रही थी, एक सप्ताह पूर्व बारिश नहीं होने के कारण धान के पौधे सूखने लगे थे। अब तीन दिन पूर्व से हो रही लगातार बारिश के कारण सभी पहाड़ी नदियों में उफान आ गया है।
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