बीमा सुविधा, काेविड भत्ता सहित अन्य मांगाें काे लेकर पटना एम्स के इंटर्स डाॅक्टर गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। ड्यूटी का बहिष्कार करने के साथ ही धरने पर बैठ गए। अस्पताल में तैनात 95 इंटर्स के ड्यूटी पर नहीं रहने की वजह से मरीजाें का इलाज प्रभावित हुआ। उनका कहना है कि एमबीबीएस पास अस्पताल में प्रशिक्षण के लिए कार्यरत होते हैं।
सीनियर डाॅक्टर की निगरानी में ही इंटर्स मरीजों का इलाज करते हैं। बावजूद कोविड वार्ड में हमारी ड्यूटी कराई जा रही है। बिना प्रशिक्षण के कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने से तीन इंटर्स संक्रमित हाे गए। उनकी मांग है कि जिस तरह पीजी और डाॅक्टर की 7 दिन ड्यूटी के बाद 7 दिन क्वारेंटाइन की व्यवस्था है, उसी तरह इंटर्स काे भी सुविधा मिले। संक्रमित होने पर अलग हॉस्टल में क्वारेंटाइन किया जाए और सारी चिकित्सकीय सुविधा मिले। कोविड वार्ड में ड्यूटी के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाए।
पूरे माह का वेतन राेकने का नाेटिस थमाया
हड़ताल के पहले दिन ही पूरे अगस्त माह का वेतन रोकने का नोटिस थमा दिया गया। एम्स के निदेशक डाॅ. प्रभात कुमार सिंह ने कहा, नियमानुसार इंटर्स को 23,500 रुपए का भुगतान किया जा रहा है। उनके हड़ताल पर जाने से मरीजों के इलाज पर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ा है।
रेजिडेंट डाॅक्टरों नेे 18 तक टाली हड़ताल
एम्स के रेजिडेंट डाॅक्टर एसाेसिएशन ने अपनी हड़ताल काे 18 अगस्त तक के लिए टाल दिया है। 14 अगस्त से ही हड़ताल हाेने वाली थी। गुरुवार काे निदेशक डाॅ. पीके सिंह और एसोसिएशन के प्रतिनिधियाें के बीच हुई बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया। आरडीए के अध्यक्ष डाॅ. विनय कुमार ने बताया कि जिस नाेटिस के तहत 21 सीनियर रेजिडेंट डाॅक्टराें काे विशेषज्ञ चिकित्सक के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है, उसे निरस्त करवाने के लिए एम्स प्रशासन ने 6 दिन का समय मांगा है। काेविड बीमा में शामिल करने के लिए भी 6 दिन का समय मांगा गया है।
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