मां मुंडेश्वरी धाम में वर्षों से प्रस्तावित वन विभाग की इको पार्क निर्माण पर ग्रहण लग गया। भूमि विवाद सामने आने के बाद वन विभाग ने पार्क निर्माण के लिए विभाग से आवंटित राशि विभाग को लौटा दिए। इससे जिले में पर्यटन को मिलने वाला प्रोत्साहन भी अधर में लटक गया। पार्क के निर्माण से पर्यटक भी आकर्षित होते। उल्लेखनीय है कि प्रस्तावित इस इको पार्क से मुंडेश्वरी धाम की सुंदरता बढ़ती। वही इस परियोजना में कई सहायक प्रोजेक्ट भी शामिल थे। अब इन सभी पर लगाम लग गया है। दरअसल भूमि विवाद सामने आने के बाद अफसरों की भी महत्वाकांक्षा बढ़ गई।
विवाद में परियोजना ही अटक कर रह गया। अब देखना होगा कि क्या विभाग पुनः अन्य स्थल पर पार्क निर्माण के लिए सहमति देता है या फिर इको पार्क निर्माण की परियोजना अब सपना ही बनकर रह जाता है। बता दें कि मां मुंडेश्वरी धाम परिसर के निचले हिस्से में करीब 5 हेक्टेयर में इको पार्क का विस्तार होना था। जानकार बताते हैं कि इस पार्क के विस्तार के लिए विभाग की ओर से करीब 2 करोड़ 55 लाख रुपए का आवंटन मिला था। इको पार्क के विस्तार के लिए पिछले सत्र के दिसंबर माह में विभाग ने भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया था। कुछ हिस्सों में छोटे-छोटे दुकान थे। जिन्हें हटाकर पार्क निर्माण के सभी रास्ते साफ कर लिए गए थे। इस बीच भूमि विवाद का अटका पेच अब परियोजना पर ही भारी पड़ गया ।
पार्क निर्माण की राशि लौटाई गई, अब विभाग के निर्देश के बाद ही निर्माण संभव
इस संदर्भ में कैमूर वन प्रमंडल के पदाधिकारी विकास अहलावत ने पूछे जाने पर कहा कि इको पार्क बनाए जाने की योजना थी। राशि भी आवंटित हुई थी। इसे वापस विभाग को लौटा दिया गया। अब विभाग की निर्देशके बाद ही पुनः प्रस्ताव पर अमल किया जा सकता है।
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