
कदमकुआं थाना इलाके में हार्लिक्स के डिस्ट्रिब्यूटर दीपक कुमार काे 40 लाख का चपत लगाने वाले उनके सेल्समैन विजय कुमार गुप्ता काे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कदमकुआं थाना की पुलिस ने मालसलामी के जलकद्दर बाग का रहने वाले विजय काे पटना सिटी इलाके से ही गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से पुलिस ने 15 लाख बरामद किया है।
2 सितंबर काे दीपक ने उसपर 40 लाख गबन कर फरार हाेने का केस दर्ज कराया था। दरअसल रकम गबन करने के बाद वह पुलिस से बचने के लिए 4 सितंबर काे पटना से कार बुक कर अकेले काेलकाता चला गया। वहां वह कई आलीशान हाेटलाें में रहा। इस दाैरान उसने करीब 13 दिनाें तक जमकर ऐश-माैज किया और कपड़े आदि की खरीदारी की। इधर, पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए दबिश बनाए हुई थी। पुलिस कुर्की वारंट लेने की तैयारी में थी, इसकी भनक उसे लग गई। दाे दिन पहले वह काेलकाता से पटना आ गया।
थानेदार निशिकात निशि काे सूचना मिली कि वह पटना सिटी आया हुआ है। उसके बाद शुक्रवार की देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। श्री हरि फार्मा के नाम से दीपक की कंपनी है। इस कंपनी का दफ्तर अबुलास लेन, मछुआ टाेली में है। पिछले 10 साल से गांधी मैदान से लेकर मालसलामी तक उनका हाॅर्लिक्स का डिस्ट्रिब्यूटरशिप है।
40 लाख में 27 लाख कैश था, बाकी चेक था
थानेदार ने बताया कि उसने मार्केट से कैश के रूप में केवल 27 लाख रुपए ही उठाया था। बाकी 13 लाख दुकानदाराें ने उसे चेक दिया था जाे बाैंस कर गया था। उसके खाते काे पुलिस ने बंद करवा दिया था ताकि उससे काेई ट्रांजक्शन न हाे सके। थानेदार ने बताया कि अगर पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं करती ताे काेर्ट में सरेंडर करने के बाद उससे पैसा बरामद हाेना मुश्किल हाे जाता। केस दर्ज हाेने के बाद से ही पुलिस उसके पीछे लगी थी। उसका माेबाइल बंद हाे रहने की वजह से लाेकेशन नहीं मिल रहा था। उसने माेबाइल नंबर भी बदल लिया था।
सरेंडर करने की तैयारी में था
शातिर विजय ने अपनी पहवान छिपाने के लिए सिर का बाल काेलकाता में सिर का बाल मुंडवा लिया था। उसने अपना गेटअप पूरी तरह बदल लिया था ताकि पुलिस उसे पहचान न सके। वह अपने घर में नहीं रहा था बल्कि दूसरे के यहां शरण लिए हुए था। जब पुलिस ने स्थानीय इनपुट पर विजय काे पकड़ा ताे पकड़े जाने के बाद वह अपना नाम गलत बता रहा था।
उसने पुलिस काे चकमा देते कहा कि जिस विजय काे खाेज रहे हैं वह मैं नहीं हूं। गलत आदमी काे पकड़ लिए हैं पर जब पुलिस ने सख्ती की ताे उसने सारी हकीकत बता दी। यही नहीं विजय ने काेर्ट में सरेंडर करने के लिए वकील काे फीस भी दे दी थी पर उसकी एक भी चालाकी नही चली।
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