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एक ही वेंडर के खाते में मनरेगा की सर्वाधिक राशि का भुगतान https://ift.tt/2DrQtzE

प्रखंड के मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी द्वाराप्रखंड के पसंदीदा वेंडर के खाते में योजना की सर्वाधिक राशि का भुगतान करने के विरोध में प्रखंड के अन्य वेंडरों ने डीडीसी को लिखित आवेदन दिया है। साथ ही मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी दीपू कुमार की मनमानी और भ्रष्टाचार मे संलिप्तता पर लगाम लगाने की गुहार लगाई है। डीडीसी को दिए आवेदन मे आवेदक संजीव कुमार ने लिखा है कि प्रखंड में मनरेगा योजना का भुगतान लेने के लिए कुल 13 रजिस्टर्ड वेंडर हैं।

नियमानुसार सभी वेंडरों के द्वारा योजना के क्रियान्वयन के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जानी चाहिए और कमोबेश सभी के खाते में बिल का भुगतान भी होना चाहिए। लेकिन मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी दीपू कुमार द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है और प्रखंड के 13 वेंडरों में से सर्वाधिक बिल का भुगतान सिर्फ मोहनपुर पंचायत के मंगरार स्थित चंद्रवंशी ट्रेडर्स के खाते में किया जाता है।

आवेदक ने डीडीसी को लिखा है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष2020-21 में अबतक लगभग दो करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान चंद्रवंशी ट्रेडर्स के खाते में किया जा चुका है जो पूरे प्रखंड के मनरेगा योजना की राशि का पचास फीसदी से अधिक है।आवेदक ने डीडीसी को बताया कि चंद्रवंशी ट्रेडर्स द्वारा ईंट का भी बिल दिया जाता है जबकि वह ईंट का व्यवसायी नहीं है।

भ्रष्टाचार: विरोध में वेंडर ने डीडीसी को दिया आवेदन

बिना रजिस्ट्रेशन के भी किया गया था भुगतान

चंद्रवंशी ट्रेडर्स के साथ मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी दीपू कुमार का पुराना संबंध रहा है। शायद यही कारण है कि वेंडर के रूप में बिना जीएसटी रजिस्टर्ड होने के बाद भी पीओ ने उक्त ट्रेडर्स के खाते में राशि का भुगतान करके सरकार के राजस्व की क्षति पहुंचाई थी। 18 जुलाई 2018 को चंद्रवंशी ट्रेडर्स ने जीएसटी का रजिस्ट्रेशन लिया था लेकिन इसके एक माह पूर्व 20 जून 2018को उसके खाते में कुल 1 लाख 15 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया। जाहिर है ऐसे भुगतान के पीछे कमीशन की मोटी राशि का खेल खेला जाता है।

मुखिया व रोजगार सेवक की है जिम्मेवारी

किस ट्रेडर्स के खाते में राशि का भुगतान होगा। यह तय करने की जिम्मेदारी संबंधित पंचायत के मुखिया व रोजगार सेवक की होती है। इसमे मेरी कोई जबावदेही नहीं है। जिस ट्रेडर्स के मालिक का व्यवहार रोजगार सेवक व मुखिया के साथ अच्छा होगा। स्वभाविक है कि उसके दुकान से अधिक खरीदारी की जाएगी।
दीपू कुमार, कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा, लक्ष्मीपुर



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