केस होने का डर ऐसा का कांग्रेसियों ने अपने कार्यालय के परिसर में भी नहीं सदाकत आश्रम भवन में अंदर धरना दिया। वो कार्यालय के परिसर में भी नहीं बैठे क्योंकि प्रशासन की नजर टेढ़ी हुई तो मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट की अवहेलना में केस दर्ज हो सकता है। तीन दिन पहले बिहार कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अविनाश पांडेय समेत अन्य नेताओं को रिसीव करने पटना एयरपोर्ट पहुंचे कई कांग्रेसियों पर मामला दर्ज हुआ है।
कृषि बिल के संसद में पास होने के बाद कांग्रेस ने एक महीने तक विरोध जताने का निर्णय किया है। उसी कड़ी में शक्ति सिंह गोहिल ने घोषणा की थी कि 28 सितंबर को कांग्रेसी राजभवन मार्च करेंगे। उनकी इस घोषणा के बाद चुनाव आयोग ने बिहार में विधानसभा चुनाव के तारीखों का एलान कर दिया।
प्रदेश कांग्रेस धर्म संकट में पड़ी थी कि हाईकमान के इस निर्देश को कैसे पालन किया जाए कि उनका प्रदर्शन मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के दायरे में नहीं आए और विरोध भी प्रदर्शित हो जाए। प्रदेश अध्यक्ष डऍ. मदन मोहन झा के सलाहकारों ने यह रास्ता निकाला कि अगर अपने को केस दर्ज होने से बचाना है तो भवन के अंदर ही धरना दे दिया जाये। मैसेज भी चला जाएगा और केस होने से भी बच जाएंगे। डाॅ. झा ने उसी सलाह पर अमल करते हुए हाईकमान तक धरना देकर उसकी सूचना भी भिजवा दी।
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