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पिछली बार मिलकर लड़े राजद-जदयू इस बार आमने-सामने की होगी टक्कर, अभी प्रत्याशी तय नहीं होने से मतदाताओं में असमंजस की स्थिति https://ift.tt/2G7TFSf

(आलोक कुमार) कभी उग्रवादग्रस्त रहे मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र में कोरोना का किसी को भय नहीं है। मास्क लगाए लोग इक्के-दुक्के ही दिखते हैं। चुनाव का बिगुल बज गया है, सो लोगों के बीच चुनाव की चर्चा भी शुरू है। किसे टिकट मिलेगा...फिलवक्त बहस का विषय यही है। राजद की मौजूदा विधायक रेखा देवी समेत टिकट की दावेदारी कर रहे इलाके के एक दर्जन से अधिक नेता पटना में डेरा डाले हुए हैं। मतदाताओं का मूड बताता है कि मुकाबला राजद और जदयू के बीच ही होगा। यहां पहले चरण में 28 अक्टूबर को मतदान होना है।
इस सीट पर अभी राजद का कब्जा है। इस क्षेत्र में पिछले कई चुनावों में राजद और जदयू के बीच कांटे की टक्कर रही है। लगातार तीन बार से जीत हासिल करने के बावजूद 2015 में जदयू से यह सीट छिन गई थी। गठबंधन के तहत सीट राजद के खाते में चली गई थी।

राजद की रेखा देवी ने एनडीए की घटक हम की प्रत्याशी नूतन पासवान को हराया था। लेकिन, इस बार बदली हुई परिस्थिति में राजद और जदयू के बीच आमने-सामने की टक्कर तय है। यहां यादव वोट सबसे अधिक हैं। ऐसे में हर राजनीतिक दल उनको ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार चुनता है। यहां इसबार 3,35,742 लाख वोटर हैं। इनमें से यादव वोट 70 हजार, कुर्मी 40 हजार, भूमिहार 25 हजार, राजपूत 15 हजार, पासवान 18 हजार, चंद्रवंशी 12 हजार, मुसलमान 20 हजार और महादलित करीब 25 हजार हैं।

शहर में जाम और जलनिकासी बड़ी समस्या
नीमा हाॅल्ट के पास सड़क जर्जर है, इस वजह से रोज जाम लग रहा है। मसौढ़ी पहुंचने पर भी रेलवे क्राॅसिंग के पास जाम से सामना होता है। वार्ड पार्षद मो. इसाराईल बताते हैं-मसौढ़ी से पटना, एकंगरसराय, जहानाबाद, गया, पालीगंज, नौबतपुर होते खगौल आदि जगहों के लिए बसें खुलती हैं, लेकिन स्टैंड नहीं है।

पहले रेलवे की जमीन में बस स्टैंड था, जिस पर फ्लाईओवर बन रहा है। मसौढ़ी के पश्चिमी मोड़ से मलकाना तक पईन के रास्ते बरसाती और नाले का पानी पहले निकलता था जो अब बंद है। इससे मलकाना, गंगाचक, दमड़ीचक, राधेश्याम नगर, कृष्णापुरी समेत शहर के कई मोहल्ले व आसपास के गांवों में जलजमाव से लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल है।

करीब दो करोड़ की राशि से जल संसाधन विभाग की पहल के बाद समाधान संभव है। जिला पार्षद रेखा कुमारी के प्रतिनिधि भाई वीरेंद्र उर्फ किरी यादव ने बताया कि क्षेत्र में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है। रेफरल अस्पताल में भी इलाज का मुकम्मल इंतजाम नहीं है।

वीर कुंवर सिंह कॉलोनी रोड नहीं तो वोट नहीं
मसौढ़ी अनुमंडल कार्यालय के पास है वीरकुंवर सिंह कॉलोनी। करीब तीन हजार आबादी वाली यह कॉलोनी 20 साल पुरानी है। पूरे मसौढ़ी बाजार का पानी वीरकुंवर सिंह कॉलोनी में ही गिरा दिया गया है। मोटर से लेकर चापाकल तक का पानी गंध देता है और झाग निकलता है। लोग खरीद कर पानी पीते हैं। कॉलोनी के लोगों ने इसबार वोट बहिष्कार का ऐलान कर रखा है। इस मोहल्ले में करीब 1700 वोटर हैं।

विधायक बोलीं- इसबार भी मौका मिला तो बचे काम को पूरा करूंगी
विधायक रेखा देवी ने कहा-पांच साल में इलाके में काफी काम हुए। सिंचाई के लिए बेर्रा बराज बनवाया। नदवा, बौरही, कादिरगंज और भगवानगंज में चार पावर ग्रिड बनवाए। इलाके में करीब 150 सड़कें बनवाईं। इसके अलावा जरूरत के लिहाज से कई गांवों में नाली-गली, सामुदायिक भवन, छठ घाट आदि बनवाया। इसबार भी लोगों का आशीर्वाद मिला तो बचे हुए कार्यों को पूरा करेंगे। सबसे पहले वीरकुंवर सिंह कॉलोनी में पानी निकासी और पेयजल की समस्या को दूर करूंगी।

एससी के लिए सुरक्षित
यह विधानसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आया था, तब एससी के लिए सुरक्षित थी। फिर इसे सामान्य सीट बना दिया गया। 2010 तक यह सीट सामान्य रही। 2015 के चुनाव से पहले इसे दोबारा एससी सुरक्षित सीट बना दिया गया। पिछले करीब 25 साल से इस सीट पर राजद और जदयू को ही जीत मिली है।



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शहर में जाम और जलनिकासी बड़ी समस्या है।


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