फुटपाथ पर 15 साल से सब्जी बेचने वाले करीब 200 बिक्रेताओं को वैकल्पिक स्थान देने की योजना के बिना ही नगर निगम ने गुरुवार को तिलकामांझी हटिया रोड से अतिक्रमण हटाया। स्थायी समिति के फैसले के 10 दिन बाद करीब चार घंटे तक निगम की जेसीबी गरजी और ट्रैक्टर मलबा उठाने को दौड़ता रहा। दोपहर 3.30 बजे तक 10 फीट चौड़ी दिखने वाली सड़क 30 फीट में तब्दील हो गई। इस बीच निगम ने सड़क पर रखा बालू जब्त किया। दुकानों के आगे बनी सीढ़ियां तोड़ीं। लेकिन शाम 5 बजे से मजबूरन सब्जी बिक्रेताओं ने फिर से सड़क किनारे दुकानें जमा लीं। जिम्मेदारों का कहना है कि दोबारा अतिक्रमण न हो, इसका जिम्मा स्थानीय थाने और सीओ की है। सब्जी बिक्रेता वेंडिंग जोन में वे दुकान लगाएं। दुकानदार रजिस्ट्रेशन करवाएं। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि अतिक्रमण पर कार्रवाई के दौरान ही निगम ने माइकिंग कर वेंडिंग जोन में जाने और रजिस्ट्रेशन करवाने की बात क्यों नहीं कही? बिना योजना कार्रवाई से सड़क से अतिक्रमण खत्म करने की मंशा भी सवालों के घेरे में है।
छिटपुट विवाद भी हुए
गणेश ज्वेलर्स और एक दवा दुकान के पास निगम की जमीन पर बनी सीढ़ियाें को तोड़ने के दौरान दुकानदार ने विवाद किया। दुकानदार ने इसे तोड़ने का वीडियो बनाया और काेर्ट जाने की बात कही। पार्षद हंसल सिंह व अमीन ने नक्शा दिखा बताया कि निगम की जमीन पर है। दुकान के सामने रोड 9.5 मीटर है पर तीन मीटर ही है। लोग विरोध में एकजुट होने लगे, पर पुलिस देख वे खामोश रहे।
एक मकान में 15 मीटर तक है कब्जा, नहीं की कार्रवाई
हटिया राेड से डाॅ. साेमेन चटर्जी क्लीनिक जाने वाली सड़क में ही एक तीन मंजिला नई बिल्डिंग की नापी हुई ताे उसमें साढ़े 15 मीटर अंदर तक निगम की जमीन निकली। लेकिन यहां कार्रवाई न होने पर पास के एक दवा दुकानदार ने विराेध कर दिया। दुकानदार ने कहा, पहले उस बिल्डिंग काे ताेड़िए, इसके बाद हमारे दुकान के पास ताेड़िए। विराेध के बाद अफसर बिना कार्रवाई ही निकले। पार्षद हंसल सिंह ने बताया, निर्माण के दौरान ही मैंने विरोध किया था, तब निगम ने सिर्फ नोटिस दिया था।
बाल-बाल बचे कर्मी : जेसीबी से मिट्टी हटाने और दुकानों के शेड तोड़ने के दौरान बिजली के खंभों पर लाइट जल रही थी। जेसीबी से महज 8 इंच दूर ही बिजली के तार लटक रहे थे। इससे कर्मचारी बाल-बाल बच गए। सिटी मैनेजर ने काॅल कर बिजली कंपनी से सप्लाई बंद करवाई।
अब क्या: स्थायी निर्माण ताेड़ने से पहले बिल्डिंग मालिक को नाेटिस भेजा जाएगा। उसके जवाब के बाद नगर निगम के काेर्ट में सुनवाई हाेगी और प्रस्ताव पारित करना हाेगा। तभी उसे तोड़कर निगम की जमीन कब्जे से मुक्त कराई जाएगी।
अतिक्रमण हटाने का निर्णय नगर निगम का हाे सकता है पर उसकी माॅनीटरिंग स्थानीय थाने काे करनी हाेगी। हमने अतिक्रमण हटाया। अब दोबारा पहले जैसी स्थिति न हाे, यह थाना स्तर से होगा। फुटकर विक्रेताओं के लिए वेंडिंग जोन हैं। वे वहां दुकानें लगाएं।
- सत्येंद्र प्रसाद वर्मा, पीआरओ, निगम
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