
कोरोना काल में सेलेब्रिटीज का मानवीय चेहरा सामने आया। जरूरतमंदों को आर्थिक मदद पहुंचाने के साथ-साथ कई सेलेब्रिटीज उनकी आवाज भी बने। मनीष पॉल ने हाल ही में रघुवेंद्र सिंह के संग को-प्रोडक्शन में शॉर्ट फिल्म ‘हिचकी’ बनाई। जिसका निर्देशन अनुराग कश्यप के असिस्टेंट रहे कुलीष कांत ठाकुर ने किया है।
फिल्म की थीम के जरूरतमंदों से जुड़े नाते को मनीष पॉल ने बेहद उत्साह के साथ दैनिक भास्कर के साथ साझा किया है। वे बहुत खुश हैं कि इस शॉर्ट फिल्म को अमिताभ बच्चन, सिद्धार्थ मल्होत्रा समेत अन्य कई सेलेब्स से तारीफें भी मिली हैं।
इस शॉर्ट फिल्म को मिले बड़े रिस्पॉन्स पर क्या कहना है? खासकर अमिताभ बच्चन ने सराहना की हो तो?
मनीष- 'बहुत बड़ी बात होती है, जब बच्चन साहब फिल्म की सराहना करें तो। उन्होंने इसे शेयर भी किया। वो हम सब के आदर्श हैं। उनकी सराहना से उत्साह बढ़ता है। बाकी मिले रिस्पॉन्सेज से भी बहुत खुश हूं। कोरोना काल में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से बहुत सारे जरूरतमंदों तक मदद नहीं पहुंच पाई। उनकी जरूरतों का भी ख्याल हर हाल में रखना सबका नैतिक कर्तव्य है। वो मैसेज हम पहुंचाने में सफल रहे। हम काफी संतुष्ट हैं।'
इसमें स्पून फीडिंग नहीं की गई है। वजह टाइम कंस्ट्रेन थी?
मनीष- 'जी हां। हमने काफी ड्रामा क्रिएट नहीं किया। मेरे ख्याल से मैसेज स्मूद तरीके से पहुंचे तो उसमें मजा है। खुशी है कि लोगों को मैसेज समझ आया। बहुत लोगों ने यह शॉर्ट फिल्म देख मैसेज किया कि हां लॉकडाउन आदि के चलते वे भी उन जरूरतमंदों के पास नहीं पहुंच पाए। पर इस फिल्म में मेरे किरदार ने उन्हें फिर से जगाया। अब फिर से उनके पास जाकर वो मदद पहुंचा रहे हैं। हमारे लिए इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है।'

अपने किरदार को आपने कैसे सजाया और संवारा है?
मनीष- 'सच कहूं तो इस किरदार की स्किन में जाने के लिए बहुत ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ा। वह इसलिए क्योंकि वह किरदार खुद मैं ही हूं। कहीं ना कहीं मैं भी उन जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा था। ऐसे में बड़ा नैचुरल प्ले किया। हिचकी लेने की तैयारी जरूर करनी पड़ी। इतनी हिचकियां बार-बार आती नहीं हैं।'
फिल्म आई कैसे थी आपके पास?
मनीष- 'रघुवेंद्र मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं। उन्होंने इस स्क्रिप्ट के बारे में बताया था। उन्होंने पूछा भी कि क्या मैं इसे करना चाहूंगा। वहीं पर हम दोनों मिलकर सोचा कि इसे प्रोड्यूस किया जाए। कोविड का टाइम है। इस फिल्म के मैसेज से हौंसला देने वाली बात होगी। काम करते रहें। आगे बढ़ते रहें।'
कहने को यह 3 मिनट की फिल्म है, लेकिन कितनी लोकेशन पर इसे शूट किया?
मनीष- 'हमने सिर्फ एक घर के भीतर इसे शूट किया था। घर के नीचे एक गाड़ी में ही शूट किया। वो इसलिए कि उस समय बाहर निकलने पर थोड़ी रिस्ट्रिक्शन थी। हमने सेफ्टी और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इसे शूट किया। महज पांच लोगों के साथ मिलकर इसे शूट कर लिया। हम नहीं चाहते थे कि किसी को प्रॉब्लम हो। हेल्थ का हमने पूरा ध्यान रखा।'
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