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केंद्र की गाइडलाइन पर स्कूल संचालक तैयार, अभिभावक बोले- बच्चों की सुरक्षा पर हम कोई रिस्क नहीं ले सकते https://ift.tt/3ch3MzR

केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, जिले के स्कूल प्रबंधकों ने 9वीं से 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए डाउट क्लियर करने के लिए स्कूल खोलने की तैयारी कर ली है। इसमें सरकार के एसओपी का पूरा ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए पहली और अनिवार्य शर्त है कि बच्चे पैरेंट्स की लिखित सहमति से ही स्कूल आ सकेंगे। उन्हें स्कूल की ओर से कोई भी ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं दी जाएगी।

दूसरी ओर, अभिभावकों ने दो टूक कहा, बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले है। ऐसे में किसी तरह का रिस्क वे नहीं ले सकते। वे स्थिति सामान्य होने तक इंतजार कर सकते हैं। दूसरी ओर, स्कूल संचालक अब भी असमंजस की स्थिति में हैं। कुछ राज्य सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी करने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, बच्चों ने भी कहा, उन्हें ऑनलाइन टीचिंग में परेशानी नहीं हो रही। डाउट क्लियर करने के लिए भी वे ऑनलाइन माध्यम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इनका रखना होगा ध्यान

  • स्कूल आने के लिए पैरेंट्स से लिखित मंजूरी लेनी होगी
  • लॉकर का इस्तेमाल कर सकते हैं
  • स्पोर्ट्स एक्टिविटी नहीं होगी
  • एसेंबली नहीं होगी, क्लास के पीरियड आधे हाेंगे।
  • छात्र किताब, कॉपी, पेंसिल, पेन दूसरे से शेयर नहीं करेंगे।
  • साेशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा।
  • थर्मल गन, पेपर टॉवेल, साबुन, 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन उपलब्ध कराना होगा।
  • एकेडमिक कैलेंडर में ऑफ लाइन के साथ ऑनलाइन क्लास और ट्रेनिंग को शामिल करना आदि शामिल है।

स्कूल प्रबंधक बोले... पैरेंट्स की सहमति से ही आएंगे बच्चे

  • राज्य सरकार ने अब तक गाइडलाइन नहीं दी है। विभाग की उप निदेशक से बात हुई है। उन्होंने कहा, ऐसा निर्देश सरकार से अभी नहीं आया। बिना राज्य सरकार के निर्देश पर डाउट क्लास नहीं चलेंगी। -सुमन कुमार, निदेशक इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल
  • बच्चे पैरेंट्स की लिखित सहमति से ही डाउट क्लियर करने स्कूल आ सकते हैं। उनपर स्कूल का दबाव नहीं है। 50 फीसदी शिक्षक ऑनलाइन टीचिंग के लिए स्कूल आएंगे। -एके दत्ता, प्राचार्य संत जेवियर्स
  • पैरेंट्स की सहमति से बच्चे आएंगे। 9वीं, 11वीं के बच्चे को एक दिन व 10वीं, 12वीं के बच्चाें को अगले दिन डाउट क्लियर करने बुलाया जाएगा। -एसके झा, रीजनल डायरेक्टर डीएवी स्कूल

जिम्मेदारी से भाग रहे हैं स्कूल : अभिभावक

  • कामकाजी पैरेंट्स के लिए ट्रांसपोर्टेशन बड़ी समस्या है। स्कूल दूर होने से बच्चे को अकेला नहीं भेजा जा सकता है। दो-चार बच्चों के लिए स्कूल ट्रांसपोर्टेशन नहीं देगा। पब्लिक ट्रांसपोर्ट से संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। -रूबी कुमारी
  • सारी जिम्मेदारी अभिभावकों पर थोपते हुए लिखित सहमति लेकर जिम्मेदारी से भागने का प्रयास स्कूल कर रहे हैं। बच्चे को स्कूल भेजकर फिलहाल कोई रिस्क नहीं ले सकते हैं। बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले है। -तरुण कुमार
  • 9वीं से 12वीं के बच्चों को कुछ पूछना है तो वे फोन पर भी शिक्षक से बात कर सकते हैं या ऑनलाइन भी। ऐसे में बिना सुरक्षा से पैरेंट्स बच्चों को स्कूल नहीं भेजें। वैक्सीन आने तक स्कूल बंद रहना चाहिए। -राकेश चौधरी


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School operators ready on the guideline of the center, parents said - we cannot take any risk on the safety of children


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