(संजय कुमार) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) भले ही सूबे में साथ-साथ चुनाव लड़ रही है। लेकिन अंदर ही अंदर तल्खी बरकरार है। इसकी बानगी कहलगांव और सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र के लिए संपन्न चुनाव प्रचार में देखने को मिला। इन दोनों सीटों पर पहले चरण के लिए बुधवार सुबह से वोटिंग शुरू होगी। 26 अक्टूबर की शाम इन इलाकों में चुनाव प्रचार थम गया, लेकिन भाजपा और जदयू नेताओं की दूरी दोनों सीटों पर बनी रही।
कहलगांव में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में सीएम नीतीश कुमार की एक भी सभा नहीं हुई
कहलगांव प्रदेश का हॉट सीट है। यहां कांग्रेस के सदानंद सिंह का बेटा शुभानंद इस बार मैदान में हैं। यहां सभी पार्टियों की कुल सात सभा हुई। जिनमें भाजपा के पक्ष में तीन और कांग्रेस के पक्ष में चार। भाजपा की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ताड़र में, भूपेंद्र यादव ने गोराडीह में और दिल्ली के सांसद व अभिनेता मनोज तिवारी ने कहलगांव में सभा की।
जबकि कांग्रेस के पक्ष में राहुल गांधी, उत्तराखंड के सीएम भूपेश बघेल, कांग्रेस के प्रवक्ता व शायर इमरान प्रतापगढ़ी के अलावा सनोखर में राजद नेता तेजस्वी यादव ने वोट मांगे। यहां जदयू के किसी भी बड़े नेता की सभा नहीं हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस विधानसभा क्षेत्र में एक भी चुनावी सभा नहीं हुई।
सुल्तानगंज में जदयू प्रत्याशी के लिए भाजपा के बड़े नेता नहीं आए
सुल्तानगंज में भी एनडीए में अंतद्वंद्व दिखा। यहां जदयू के प्रत्याशी के समर्थन में भाजपा के कोई दिग्गज नहीं दिखे। यहां अब तक पांच चुनावी सभाएं हुईं। सीएम और तेजस्वी की एक-एक सभा हुई। रालोसपा की दो हुई। उपेंद्र कुशवाहा व असदुद्दीन ओवैसी ने अलग-अलग दो जगहों पर वोट मांगे। कांग्रेस के अखिलेश सिंह की सभा स्थगित हो गई। कुल मिलाकर एनडीए के लिए भाजपा के किसी भी बड़े नेता ने सभा नहीं की। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी के लिए तेजस्वी ने कृष्णानंद स्टेडियम में सभा की।
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