Header Ads Widget

Ticker

6/recent/ticker-posts

फारुख राहिब ने कथा लेखन की अपनी अलग शैली गढ़ी https://ift.tt/2WRCIjE

उर्दू लाइब्रेरी मोतिहारी में रविवार को प्रख्यात कथाकार मरहूम फारूक राहिब को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उक्त श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता प्रख्यात शायर डॉ. तफजील अहमद एवं संचालन गुलरेज शहजाद ने किया। अध्यक्ष डॉ. तफजील अहमद ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि फारुख राहिब एक ऐसे कथाकार थे, जिन्होंने कथा लेखन की अपनी अलग शैली गढ़ी।

उन्होंने फारूक राहिब पर लिखी अपनी एक नज्म प्रस्तूत की। शहरे अफसाना का राहिब दिलरुबा जाता रहा,कज-कुलह फारूक आजम बादशाह जाता रहा.. के माध्यम से अपनी संवेदना प्रकट की।वहीं श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुंशी सिंह महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ.अरुण कुमार ने फारूक राहिब के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि फारूक राहिब की पहचान एक कथाकार के रूप में है लेकिन वो एक उच्च कोटि के शायर भी थे। उक्त अवसर पर उर्दू लाइब्रेरी के सचिव सैयद साजिद हुसैन, अभय अनंत, कलीमुल्लाह कलीम,शाहिद जमील,सत्येंद्र गोविंद, आसिम कलीम, फरहान हयात, जफर सबीली सहित अन्य थे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
मरहूम फारूक राहिब की श्रद्धांजलि सभा में मौजूद लोग।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mSXqdx

Post a Comment

0 Comments