क्या कांग्रेस में अब टूट हो जाएगी? राज्य की एनडीए सरकार को और मजबूती देने के लिए क्या कांग्रेसी विधायक जदयू या भाजपा में शामिल होंगे? विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में इस तरह की चर्चा है। करीब दो दशक पहले जीते पूर्व विधायक भरत सिंह के दावों ने इसे फिर हवा दे दी है।
उस हवा को बढ़ाने में दूसरे दल के नेता नहीं, कांग्रेस का एक खेमा लगा हुआ है, जो प्रदेश नेतृत्व को बदलना चाहता है। यह खेमा लगातार बैठक भी कर रहा है और शक्ति सिंह गोहिल के बिहार प्रभारी पद से हटने काे अपनी जीत बता रहा है। पर कांग्रेस सूत्रों की मानें तो अभी टूट की काेई बात नहीं है। फिलहाल सत्ता पक्ष के दोनों दलों जदयू या भाजपा की तरफ से इस तरह की कोई गंभीर कोशिश नहीं की जा रही है।
यही कारण है कि कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व भरत सिंह की बातों को अहमियत नहीं दे रहा है। प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा इसके लिए इशारों में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी को दोषी बता रहे हैं। भरत सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के टिकट पर 11 ऐसे विधायक चुनाव जीतकर आए हैं, जिनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।
वहीं विधायक जदयू में जाने की तैयारी कर चुके हैं। हालांकि, अशोक चौधरी और सीएलपी लीडर अजीत शर्मा ने इस तरह की किसी संभावना से इनकार किया। कहा- पार्टी एकजुट है। कोई विधायक कहीं जाने वाला नहीं है। जो सरकार में हैं, वे खुद परेशान हैं।
हमसे तो किसी ने संपर्क नहीं किया है: नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस विधायकों में टूट के सवाल पर कहा कि हमसे तो किसी ने संपर्क नहीं किया है; इसलिए इस बारे में क्या प्रतिक्रिया दें? सब पार्टी में कुछ न कुछ चलता रहता है। कोई किसी पर बोलता है, तो किसी और पर। इसलिए हम ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। सोनिया गांधी को भारतरत्न देने की मांग पर कहा कि लोकतंत्र में सबको बात रखने का अधिकार है। इन लोगों की तो सरकार थी ही। पहले ही दिलवा देते।
तोड़-फोड़ में विश्वास नहीं
पार्टी किसी को तोड़ने-फोड़ने में विश्वास नहीं करती है, लेकिन हमारी नीति और नेतृत्व में भरोसा करने वालों के जुड़ने का जरूर स्वागत करेंगे। -डॉ. निखिल आनंद, भाजपा प्रवक्ता
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