हाईकोर्ट के दो जजों की खण्डपीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसले से राज्य में 1200 से अधिक सहायक अभियंताओं की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया है। कोर्ट ने बीपीएससी को राहत देते हुए कहा कि सूबे में सहायक अभियंताओं की नियुक्ति के लिए ली गई पीटी परीक्षा के मॉडल आंसर व रिजल्ट का नए सिरे से एक्सपर्ट कमेटी गठित कर मूल्यांकन करने की जरूरत नहीं है।
जस्टिस शिवाजी पांडेय तथा जस्टिस पार्थ सारथी की खण्डपीठ ने बीपीएससी की ओर से दायर अपीलों (एलपीए) को मंजूर करते हुए मंगलवार को यह फैसला सुनाया और एक्सपर्ट कमेटी बनाने के एकलपीठ के फैसले को निरस्त कर दिया। गौरतलब है कि 2017 में 1284 सहायक (सिविल) अभियंता की नियुक्ति के लिए आयोग ने 15 सितम्बर 2018 को पीटी और 27 मार्च 2019 से शुरू हुए मेंस परीक्षा ली थी।
लेकिन मेंस से ठीक पहले 26 मार्च को जस्टिस आशुतोष कुमार की एकल पीठ ने रिट याचिका पर सुनवाई के बाद आयोग को यह आदेश दिया था कि जिन चार प्रश्नों के मॉडल आंसर को याचिकाकर्ता ने गलत बताया है, उसकी जांच एक्सपर्ट कमेटी से कराई जाए।
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