संजय गांधी जैविक उद्यान में पक्षियों को बर्ड फ्लू से बचाने के लिए जू प्रशासन ने केज व आसपास के क्षेत्र की साफ-सफाई की। केज के चारों तरफ चूने का छिड़काव किया। साथ ही पक्षियों के केज को जाल से घेर दिया गया है, ताकि उन्हें विजिटर्स और बाहरी पक्षियों के संपर्क में आने से बचाया जा सके।
जू के पक्षियों में बर्ड फ्लू संक्रमण या अन्य कोई बिमारी है या नहीं, इसकी जांच के लिए जू प्रशासन 26 विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के ब्लड, पानी और मिट्टी का सैंपल इकट्ठा कर रहा है। इसे 25 जनवरी तक जांच करने के लिए कोलकाता बर्ड्स रिसर्च सेंटर में भेजा जाएगा। जू के निदेशक अमित कुमार ने बताया कि 20 जनवरी के बाद पक्षियों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे।
डाॅक्टर के मानें तो बर्ड फ्लू संक्रमण से पक्षियों को दिसंबर से जनवरी के बीच में खतरा अधिक रहता है। 2018 में बर्ड फ्लू संक्रमण से पटना जू सहित अन्य जगहों पर कौआ, मुर्गी सहित अन्य पक्षियों की मरने की सूचना मिली थी। इसके बाद जब जांच हुई तो बर्ड फ्लू संक्रमण पाया गया था। दिसंबर, 2018 में बर्ड फ्लू से जू के सात सफेद मोर सहित आठ पक्षियों की मौत हो गई थी। इसके बाद करीब डेढ़-दो महीने तक विजिटर्स के लिए जू को बंद कर दिया गया था।
विजिटर्स को पक्षी केज की तरफ आना-जाना बंद कर देना चाहिए
पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान की पूर्व निदेशक डाॅ. अलका शरण ने कहा कि अगर बर्ड फ्लू संक्रमण की आशंका है तो तत्काल पक्षी के केज की तरफ विजिटर्स को आने-जाने पर रोक लगा देनी चाहिए। केज के अंदर चूना का छिड़काव नहीं करना चाहिए।
पक्षी को संक्रमण से बचाव करने के लिए केज को सेनेटाइज करना चाहिए। केज के अंदर चूना के छिड़काव से पक्षी के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। साफ-सफाई होने से संक्रमण का खतरा कम रहेगा। सड़क पर चूना का छिड़काव करने से विजिटर्स का पैर उस पर पड़ेगा। अगर कोई संक्रमण होगा तो वह नष्ट हो जाएगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3bj8nDh
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box