10 माह बाद सोमवार को स्कूलों में फिर से घंटी बजी। 9वीं से 12वीं तक के बच्चे उत्साहित होकर स्कूल पहुंचे। कक्षा में प्रवेश के लिए कतार कतार लगी। गोल घेरे में रहकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। मास्क लगाकर सैनिटाइजेशन के नियमों को पालन कर क्लास की।
छाेटी बेंच पर एक तो लंबी बेंच के दो सिरों पर दो छात्र बैठे। औसतन तीन पीरियड में पढ़ाई हुई। हालांकि पहले दिन छात्रों की संख्या बेहद कम रही। ज्यादातर सरकारी स्कूलाें में 30 फीसदी छात्र ही पहुंचे ताे अधिकतर निजी स्कूलाें में 40 प्रतिशत छात्र आ। कुछ स्कूलाें की कक्षाओं में तीन-चार छात्र ही नजर आए।
माेक्षदा में ज्यादा, उर्दू गर्ल्स में कम उपस्थिति
जिला स्कूल में करीब 60 छात्र आए थे। यहां दिन के अनुसार सोमवार को 10वीं और 12वीं के छात्राें काे बुलाया गया। उन्हें हाथ धुलवाकर कतारबद्ध कक्षाओं में प्रवेश कराया। माेक्षदा गर्ल्स इंटर स्कूल की कक्षाएं लगभग भरी थी। क्राइस्ट चर्च गर्ल्स स्कूल में सुबह 11 बजे से क्लास लगी। यहां ऊपरी तल का गेट बंद हाेने से कुछ छात्राएं लाैट गईं।
सेंट जाेसफ, माउंट असीसी, संत टेरेसा, कार्मेल में 35-40% छात्र आए थे। उर्दू गर्ल्स हाईस्कूल में छात्राएं कम थीं। नवयुग विद्यालय के किसी कक्षा में 3-4 ताे किसी में 10 छात्र ही बैठे मिले। नाथनगर के एसएस बालिका विद्यालय, गुरुकुल समेत अन्य स्कूलों में गाइडलाइन का पालन करते हुए छात्र पहुंचे। एसएस बालिका उच्च विद्यालय में दो शिफ्ट में कक्षाएं चलेगी।
मोक्षदा गर्ल्स स्कूल की छात्राओं को सिखाया सहमति पत्र लिखने का तरीका
मोक्षदा गर्ल्स इंटर स्कूल में पहले दिन छात्राओं को अभिभावक से सहमति पत्र लिखने का तरीका सिखाया गया। ब्लैकबोर्ड पर शिक्षक ने लिखकर छात्राओं को उसे कॉपी करने और अगले दिन उसी के तहत अभिभावकों से स्कूल आने की सहमति पत्र लेकर आने को कहा। बोर्ड पर छात्राओं को कोविड गाइडलाइन भी लिखकर बताया गया। शिक्षकों ने साथ ही अलग-अलग रोल नंबर के स्लॉट में अलग-अलग दिन आने की व्यवस्था की जानकारी दी।
दुपट्टे से मुंह ढंकती रहीं छात्राएं, इसके बाद प्रबंधन ने दिए दो-दो मास्क
गवर्नमेंट गर्ल्स हाईस्कूल में अव्यवस्था रही। छात्राएं बिना मास्क ही प्रवेश कर गईं। स्कूल प्रबंधन ने उन्हें ऐसे ही जाने दिया। मास्क के अभाव में कई छात्राएं दुपट्टे से मुंह ढंकती रहीं। कुछ इधर-उधर टहलती रहीं। उन्हें बाद में मास्क दिया गया। सभी छात्राओं के आने के बाद स्कूल में सैनिटाइजेशन किया गया। जिले के कुछ अन्य स्कूलाें में भी छात्राें काे बिना मास्क प्रवेश दिया गया।
काॅलेजाें में 15 से 35 फीसदी उपस्थिति
टीएमबीयू के ज्यादातर काॅलेजाें में 15 से 35 प्रतिशत उपस्थिति रही। कोरोना गाइडलाइन के पालन के साथ पढ़ाई हुई। मारवाड़ी काॅलेज में 15 ताे एसएम काॅलेज में 30 से 35 प्रतिशत छात्र-छात्राएं आईं। टीएनबी व बीएन काॅलेज में भी यही हाल रहा।
यहां छात्र कम इसलिए एक ही शिफ्ट
सबौर गर्ल्स हाईस्कूल, रन्नूचक मकंदपुर, खेरहिया, हाईस्कूल डुबौली पीपरपैंती, नारायणपुर, शाहकुंड में ज्यादा छात्र हाेने से दाे शिफ्ट में कक्षाएं तय थीं। लेकिन छात्र इतने कम आए कि दूसरे शिफ्ट की जरूरत नहीं पड़ी।
शिक्षकों ने साझा किया अनुभव, ऑनलाइन विकल्प, लेकिन सामने पढ़ाना ज्यादा बेहतर
शिक्षकाें के अनुसार, ऑनलाइन क्लास अच्छी है, लेकिन सामने बैठे छात्रों को पढ़ाना ज्यादा अच्छा है। जिला स्कूल के इंटर के प्रभारी डाॅ. जीपी सिंह ने कहा, लाॅकडाउन जब-जब स्कूल खुला, आते रहे। लेकिन बच्चों को कक्षा में पढ़ाना हमेशा बेहतर हाेता है। इससे बच्चों के रिस्पांस का पता चलता है। उनका कॉन्सेप्ट क्लीयर होता है।
उर्दू गर्ल्स इंटर स्कूल की शिक्षक अमरीना सिराज ने कहा, घर में रहने से खुद भी पढ़ने की आदत छूट गई थी। छात्राओं से जुड़ाव कम हाे गया। अब पढ़ने-पढ़ाने का दाैर शुरू हाेगा। आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर के पंकज कुमार ने कहा कि शिक्षक काे छात्राें के बीच ही हाेना चाहिए। ऑनलाइन वैकल्पिक व्यवस्था है। शिक्षक अरुण कुमार ने कहा, सामने पढ़ाने का अनुभव शानदार रहा।
बिहार बोर्ड के छात्र बोले, स्कूल खुलने से ज्यादा लाभ सीबीएसई बोर्ड वालों को
क्लास करने आए अलग-अलग बोर्ड के छात्रों ने कहा, बिहार बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा अगले माह से है। ऐसे छात्रों का स्कूल आना फायदेमंद नहीं है। सीबीएसई बोर्ड वालों की परीक्षा मई में है, उनके लिए यह ज्यादा अच्छा है। जिला स्कूल के छात्र निर्मल, अंकुश, मारवाड़ी पाठशाला के छात्र अविनाश ने बताया, वे लाेग सेंटअप हाे चुके हैं।
परीक्षा शुरू हाेने में एक महीना बचा है। इसलिए अब वे कक्षा करने आएं या घर में तैयारी करें.. तय नहीं कर पा रहे हैं। कक्षा में यह साफ नहीं हाे पा रहा कि काैन चैप्टर कहां से शुरू करें। शिक्षकाें से कुछ सवाल हल कराने का माैका जरूर मिला। आनंदराम ढांढनिया स्कूल के छात्र आकाश व नवयुग के आनंद और विवेक ने कहा कि फाइनल परीक्षा मई में है। शिक्षक से पढ़ने से तैयारी अच्छी हाेगी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2JMLcG0
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box