शादी कार्ड के व्यवसायी मनोज कुमार की मां चंपा देवी के खाते से साइबर अपराधियाें ने क्लोन चेक से पांच लाख रुपए का आरटीजीएस कर लिया। चंपा देवी का बैंक अकाउंट पंजाब नेशनल बैंक के खेतान मार्केट की शाखा में है। एक जनवरी को उनके खाते से मनेर के रहने वाले किसी रणवीर के बैंक अकाउंट में पांच लाख आरटीजीएस किया गया।
दो जनवरी को जब उन्होंने आरटीजीएस का मैसेज देखा, तब वे भागे-भागे बैंक पहुंचे। इस संबंध में लंगरटोली के रहने वाले मनोज की मां ने पीरबहोर थाने में मामला दर्ज कराया है। चंपा देवी ने आरोप लगाया कि बैंककर्मियों और संबंधित खाताधारक जालसाज की मिलीभगत से उनके खाते से पांच लाख निकाला गया है। थानेदार रिजवान अहमद ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है। जिस खाते में पैसे का ट्रांस्फर हुआ है, उसके पते का सत्यापन किया जा रहा है। संबंधित बैंककर्मियों से भी पुलिस पूछताछ करेगी।
मूल चेक बैंक में जमा रहा और क्लोन चेक से हो गया ट्रांस्फर: व्यवसायी मनोज ने बताया कि उन्होंने 21 दिसंबर को पांच लाख का चेक नंबर 051245 अशोक गुप्ता के नाम से जारी किया था। मनोज ने कहा कि मैंने खुद चेक को मछुआ टोली स्थित यूनियन बैंक में जमा किया था।
एक जनवरी तक मेरा चेक कैश नहीं हुआ तो मैं बैंक भी गया यह कहने की चेक कैश कर दें। तभी एक जनवरी को उसी चेक नंबर का क्लोन चेक पीएनबी में आरटीजीएस हो गया। पीड़ित पक्ष ने यूनियन बैंक के कर्मियों पर लापरवाही और पीएनबी के कर्मियों पर साइबर शातिरों से मिलीभगत का आरोप लगाया है।
चेक क्लियर करने से पहले बैंक ने नहीं किया फोन
मनोज ने कहा कि आरटीजीएस होने का मैसेज एक जनवरी को ही आ गया था, लेकिन हमने दो जनवरी को मैसेज देखा। तब मेरे होश उड़ गए। व्यवसायी ने कहा कि बड़े अमाउंट के चेक में बैंक हमेशा खाताधारक को फोन करती है। ऐसा नियम है। लेकिन, इस बार पांच लाख के आरटीजीएस में बैंक से कोई फोन नहीं आया, जबकि चेक लेकर न तो मैं गया था और न ही मेरी मां। मनोज ने इस बाबत बैंक से जब पूछा तो कहा गया कि आपका फोन नहीं लगा।
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