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रिक्शा या तिलकुट के कार्टन में था बम लोकल मेटेरियल से कम हुआ नुकसान https://ift.tt/3bp3ybB

लहेरी टोला से काजवलीचक को जोड़ने वाली गली में नीलम इनक्लेव के दरवाजे पर शुक्रवार शाम को हुए बम ब्लास्ट में शक्तिशाली बम का प्रयोग हुआ था। लेकिन ये बम लोकल मेटेरियल से बना था, इस कारण हानि कम हुई। ब्लास्ट की जांच करने शनिवार को जमालपुर से आए बम निरोधक दस्ते के एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट ने यह आरंभिक जानकारी तातारपुर पुलिस को दी है।

दस्ते में शामिल एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट पुलिसकर्मियों ने घटनास्थल और तिलकुट गोदाम की बारीकी से जांच की। सहयोग के लिए भागलपुर पुलिस लाइन से खोजी कुत्ते को बुलाया गया था। टीम रिक्शा पर ब्लास्ट होने की संभावना टीम जता रही है। टीम का कहना है कि रिक्शा या उसमें रखे तिलकुट के कार्टन में बम था और वहीं विस्फोट हुआ है।

लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि ब्लास्ट के बाद रिक्शा खड़ा ही रह गया था, जबकि वहीं पास में खड़ी बाइक गिर गई थी। अगर रिक्शा में ब्लास्ट होता तो वह खड़ा कैसे रह सकता है। टीम ने घटनास्थल से कुछ नमूने भी लिये हैं। एएसपी पूरन झा ने भी घटनास्थल पर पहुंच कर टीम से कई बिंदुओं पर राय ली। टीम ने आसपास के घरों की टूटी खिड़की और लकड़ी के टूटे दरवाजे की भी जांच की।

घटनास्थल के सामने राजू पोद्दार के घर का लकड़ी का दरवाजा ब्लास्ट की आवाज से दो टुकड़े हो गए थे। यह देख टीम भी दंग रह गई। एक्सपर्ट का कहना है कि गली संकीर्ण थी, इस कारण ब्लास्ट की आवाज जोरदार हुई और उससे दरवाजे, खिड़की टूट गए। हालांकि टीम मीडिया को किसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार किया। उधर, पुलिस को इस मामले में एफएसएल की रिपोर्ट का इंतजार है, ताकि बम की इंटेंसिटी और उसमें कौन सा मेटेरियल उपयोग हुआ था, इसकी जानकारी मिल सके।

पटाखे के कारोबार से ब्लास्ट के कनेक्शन का शक
पुलिस यह जांच कर रही है कि तिलकुट गोदाम मालिक अनुज सिंह पटाखे का भी कारोबार रहता है। हो सकता है कि पटाखा से ब्लास्ट का कनेक्शन हो। लेकिन चश्मदीद और मोहल्लेवासियों के मुताबिक, ब्लास्ट एक ही बार हुआ था तो इससे स्पष्ट है कि यह पटाखे का ब्लास्ट नहीं है। कोई भी एक पटाखा इतना शक्तिशाली नहीं होता है कि उसकी आवाज से खिड़की, दरवाजे टूट जाए।
रिक्शा पर तीसरा कार्टन रखते हुए पीछे हुआ ब्लास्ट

जख्मी रिक्शा चालक अवधेश पासवान ने बताया कि वह तिलकुट का कार्टन रिक्शा पर लोड कर रहा था। दो कार्टन लोड कर चुका था। तीसरा कार्टन लोड करते ही पीठ के पीछे ब्लास्ट हुआ। कुछ समझ में नहीं आया और पूरी सड़क धुएं से भर गई। तब देखा तो बायें हाथ, पैर से खून निकल रहा है। पीठ में भी बम के छींटे लगे थे। रिक्शा पर नहीं, रिक्शा के पीछे ब्लास्ट हुआ।
कैसे फूटा बम, कहां से आया, पुलिस पता नहीं लगा पाई
ब्लास्ट के 24 घंटे के बाद पुलिस यह पता नहीं लगा पाई है कि अपार्टमेंट के बाहर बम कैसे फूटा। किसी ने बम फेंका या वहां पहले से रखा हुआ था, इसका भी खुलासा नहीं हो पाई है। निगम का सीसीटीवी कैमरा खराब रहने के कारण उससे भी कोई सुराग नहीं मिल पाया।



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जांच के दौरान बम निरोधक दस्ते का कुत्ता।


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