मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए हर गांव, हर टोले तक सिंचिंत-असिंचिंत क्षेत्र तथा जलस्त्रोत एवं कमांड एरिया को चिह्नित करने का काम तेजी से हो। जमीनी स्तर पर इसका आंकलन किया जाए। इस क्रम में गांव के लोगों की समस्या एवं सुझाव जाने जाएं।
किसानों से पूछा जाए कि उनके इलाके में किस प्रकार की सिंचाई से उन्हें सहूलियत होगी? वह शुक्रवार को 7 निश्चय पार्ट 2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी योजना की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मौसम के अनुसार खेती के लिए माइक्रो एरिगेशन, ड्रीप/स्प्रिंकलर एरिगेशन के बारे में किसानों को प्रेरित किया जाए। जिन किसानों ने इस तकनीक को अपनाया है, उन्हें लाभ हो रहा है। इससे पानी की बर्बादी नहीं होती है। भूगर्भ जल संरक्षण के लिए सभी को जागरुक किया जाता रहे।
बैठक में जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, मुख्य सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव जल संसाधन चैतन्य प्रसाद, सचिव ऊर्जा संजीव कुमार हंस, सचिव लघु जल संसाधन संतोष कुमार मल्ल, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा एवं अनुपम कुमार तथा निदेशक कृषि आदेश तितरमारे मौजूद थे।
कृषि पदाधिकारी काे दी जाए ट्रेनिंग
मुख्यमंत्री ने कहा-कृषि विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए, ताकि वे किसानों को बेहतर ढंग से कृषि कार्य से संबंधित योजनाओं की जानकारी दे सकें; उन्हें इन योजनाओं का लाभ उठाने को लेकर प्रेरित कर सकें। मुख्यालय स्तर पर सर्वेक्षण कार्य का अनुश्रवण हो तथा योजना पर तेजी से काम किया जाए। बैठक के दौरान जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने इस योजना के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कृषि विभाग के सर्वेक्षण से प्राप्त स्थिति, संयुक्त तकनीकी सर्वेक्षण, इस योजना में जल संसाधन, लघु जल संसाधन, कृषि व ऊर्जा विभाग के दायित्व, स्थल भ्रमण एवं संभावित सिंचाई योजना का चयन, ‘सिंचाई-निश्चय’ मोबाइल एप, सतही जलस्त्रोत पर आधारित योजना, भूगर्भ जल पर आधारित सिंचाई योजना, मुख्यालय स्तर पर तकनीकी सर्वेक्षण कार्य का अनुश्रवण, जिला स्तरीय संयुक्त अनुश्रवण दल आदि के बारे में पूरी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री के खास निर्देश
- किसानों से पूछा जाए कि उनके इलाके में किस प्रकार की सिंचाई से उन्हें सहूलियत होगी
- मौसम के अनुसार खेती के लिए माइक्रो एरिगेशन, ड्रीप/स्प्रिंकलर एरिगेशन के बारे में किसानों को प्रेरित करें
- भूगर्भ जल संरक्षण के लिए सबको जागरुक किया जाए
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