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कहानी सपनों के टूटने की:16 साल में लोगों को एक भी घर नहीं दिया,जिस बोर्ड पर आम लोगों को घर देने का जिम्मा उसी के आवास-जमीन पर कब्जा, फिर कर्मियों के वेतन पर हर माह 1.20 करोड़ का खर्च क्यों? https://ift.tt/eA8V8J

बड़ा सवाल: बिहार में सिर्फ 13% शहरी आबादी, फिर भी बोर्ड का ऐसा ढीला रवैया!

from बिहार | दैनिक भास्कर https://ift.tt/2Vj8mcR

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