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10 सालों बाद सुष्मिता सेन ने किया कमबैक, बोलीं- 'मुझे बिना बताए आखिरी वक्त में फिल्मों से निकाल दिया जाता था' https://ift.tt/2VaiCAK

बॉलीवुड की बेहतरीन एक्ट्रेस रह चुकीं सुष्मिता सेन ने 10 सालों बाद फिर एक्टिंग में कमबैक किया है। एक्ट्रेस की वेब सीरीज 'आर्या' 19 जून को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई है जिसके लिए उन्हें खूब सराहना मिल रही है। अपने कमबैक और एक्टिंग करियर के बारे में सुष्मिता ने भास्कर के खास बातचीत की है।

फिल्मों से 10 साल तक दूर रह दूरी बनाने की वजह क्या थी?

सबसे पहले तो मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि मैं फिल्मों से 10 सालों तक दूर थी लेकिन अपने फैंस से नहीं और इसीलिए मेरा फिल्मों में वापसी करना निश्चित था। फिर मुझसे दूर रहने की यही वजह थी कि मुझे अच्छी स्क्रिप्ट नहीं मिल रही थी। मुझे ओल्ड स्कूल रोल्स ऑफर हो रहे थे।शायद मुझे लगता है मैं किसी फिल्मेकर को उस वक्त इंस्पायर नहीं कर पा रही थी कि मुझे अच्छे रोल ऑफर करें। मुझे मेरा किरदार पसंद नहीं आ रहा था तो मैंने ब्रेक लेकर सही रोल का वेट किया लेकिन जब आर्या के डायरेक्टर राम वाधवानी मेरे पास आए तो मुझे कहानी बेहद पसंद आई मैंने हामी भर दी।

आर्याको चुनने का रीजन क्या था?

आर्या में मेरा किरदार बहुत ही प्रोग्रेसिव महिला का है। एक प्यारी दक्ष होममेकर से डॉन बनने तक की जर्नी है। एक स्ट्रॉन्ग किरदार है। इस सीरीज के रिलीज होने के पहले ही 5 सीजन लिखे जा चुके हैं।

क्या कभी फिल्मों से निकाला गया?

मैंने इतनी सारी फिल्में देखी है जहां मुझे आखिरी वक्त पर निकाल दिया गया और उनकी तादाद इतनी ज्यादा है कि मैं अब गिनती भूल चुकी हूं। मुझे बिना बताए फिल्मों से निकाल दिया जाता था जिसकी खबर मुझे अखबारों से मिलती थी। मुझे खुद बताया तक नहीं जाता था और वह भी तब जब मैं उसे अनाउंस कर चुकी होती थी और उसके बाद मुझे पब्लिकली शर्मिंदगी फील होती थी लेकिन फिर मैंने खुद को यही समझाया कि जो फिल्में मुझे लेकर नहीं बनी शायद वह मेरे नसीब में नहीं थीं। खुद को हमेशा स्ट्रॉन्ग रखा।

इस इंडस्ट्री में आपको खुद पर भरोसा करना बहुत जरूरी है कभी किसी को इतना हक मत दीजिए कि वह आपको फील करवा सके कि उसके बिना तो आप फिल्म इंडस्ट्री में टिक ही नहीं पाएंगे।

जब कभी लाइफ में लो फील करती है तो कैसे उबारती है उससे?

हर दिन एक सा नहीं होता और मैं यही मानती हूं। अगर मेरी कोई कोशिश नाकाम होती है तो दिल दुखता है क्योंकि दिल सबका टूटता है लेकिन अपने आप को समझाना पड़ता है। यह हम पर है कि हम कितनी जल्दी उठ खड़े होते हैं। मैं खुद से यही कहती हूं कि अगर यह कोशिश विफल रही तो कोई बात नहीं अगली बार कोशिश सफल होगी। आपको खुद समझाना पड़ता है।

बाकी अदाकारा से आपकी तुलना होती है तो कैसा लगता है?

मैं खुशनसीब हूं कि मैं ऐसे डिस्कशन में ज्यादा पढ़ती नहीं हूं क्योंकि बाकियों की तरह इंडस्ट्री में टॉप 5 में जगह बनाने की होड़ मुझ में कभी नहीं रही। मुझे बस मेरे हुनर के लिए जाना जाता है और टॉप फाइव मेरी विनती है नहीं तो मुझे इन तुलना से कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे समझ नहीं आता कि जब दो इंसानों के डीएनए तक मैच नहीं कर सकते तो आप उनकी तुलना कैसे कर सकते हैं। ये गलत है।



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After 10 years, Sushmita Sen made a comeback, says - 'I was fired from films at the last moment without my conscent'


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