21 जून को लगने वाला सूर्यग्रहण देश के लिए नुकसानदायक के साथ-साथ लोगों के स्वस्थ्य पर बुरा असर डालेगा। इस ग्रहण से देश मे आपदा, महामारी, भूकंप, खेती में नुकसान, देश की सीमा पर तनाव, प्रतिष्ठा पर प्रश्न आदि लग सकता है। रमना महावीर मंदिर के पुजारी सुमन बाबा ने बताया कि सूर्य ग्रहण में छह ग्रह (उल्टा चाल) वक्री रहेंगे। बाकि के ग्रहण राहुग्रस्त हैं। मिथुन राशि में सूर्य एवं चंद्रमा को पीड़ित कर रहे हैं। कई शताब्दी में भी ऐसा योग नहीं देखा गया है।
मंगल, जल तत्व की राशि मीन में होकर मिथुन, कन्या एवं तुला राशि को देख रहे हैं। इस दिन बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि वक्री रहेंगे। इन छह ग्रहाें के वक्री होने से सूर्य खास हो गए हैं। सूर्य ग्रहण देशवासियों के लिए भी सही नहीं है। मेष, सिंह, कन्या, मकर को छोड़ अन्य राशि वालों के ऊपर ग्रहण काल में सूर्य से निकलने वाली किरणें शरीर को नुकसान पहुंचाएंगी। ऐसे लोगों पर महामारी का प्रभाव का असर ज्यादा होगा।
ग्रहण अवधि में क्या करें और क्या नहीं करें
सुमन बाबा के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान शयन करना,यात्रा पत्ते छेदना, काष्ठ कार्य, मांगलिक कार्य, फूल तोड़ना, बाल नाखून काटना, कपड़ा धोना, सिलना, दांत साफ, भोजन, मैथुन, हाथी, घुड़सवारी, गाय और भैंस दूहना वर्जित है। गर्भवती स्त्रियां कुश बाल में एवं बिस्तर के नीचे रखें। गाय का गोबर लेप नाभि के पास लगा सकती है। दूध, दही घी में कुश रखने का विधान है।
12 घंटे पहले ही लग जाएगा सूतक
भारतीय समय अनुसार ग्रहण का स्पर्श सुबह 10.31 बजे में और मोक्ष दोपहर 2.04 बजे पर होगा। ग्रहण का सूतक 12 घण्टे से पूर्व आरंभ हो जाता है। इसलिए 20 जून को रात में 10: 31 से सूतक प्रारंभ हो जाएगा। ग्रहण काल में सभी मंदिर के पट बंद रहेंगे। ग्रहण अवधिकाल में घर से बाहन न निकलें और सूर्य किरण से बचें। इस दौरान सभी देव स्थल भी बंद रहेंगे और पूजा नहीं की जाएगी।
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