राज्य के उपभोक्ताओं को औसत 21 घंटे से कम बिजली मिलने पर फिक्स चार्ज कम लगेगा। बिहार विद्युत विनियामक आयोग के फैसले को साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने लागू करने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है।
पटना शहर में लगने वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर सप्लाई देने की समय सीमा का ट्रायल शुरू हो गया है। पहले से लगे पोस्टपेड मीटर के लिए सर्वर तैयार किया गया है। लेकिन, ट्रायल के दौरान सभी पोस्ट पेड मीटर सफलता नहीं मिल पायी है। कारण अलग-अलग कंपनी का मीटर होना है। कुछ कंपनी के मीटर में हर दिन सप्लाई होने वाली बिजली का डाटा है। लेकिन, कुछ मीटर में यह डाटा क्लेक्शन का तरीका नहीं है।
राज्य में 21 घंटे सप्लाई होगी सुनिश्चित
राज्य में 21 घंटे बिजली सप्लाई सुनिश्चित होगी। यानी, 30 दिन का महीना है तो 630 घंटे और 31 दिन का महीना है तो 651 घंटे बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगी है। इससे कम बिजली सप्लाई करने पर फिक्स चार्ज बिजली सप्लाई के अनुपात में कम हो जाएगा। इसका असर बिजली कंपनी के राजस्व पर पड़ेगा। आयोग के फैसले को लागू करने के साथ ही बिजली कंपनी मुख्यालय ने सप्लाई के सभी इंजीनियरों को हर हाल में मानक के अनुरूप 21 घंटा बिजली सप्लाई सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।
लॉकडाउन के दौरान बिल पर ब्याज .75%
बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने 25 मार्च से 30 जून तक बिजली बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं से बकाया राशि पर 0.75% ब्याज लेने का फैसला सुनाया है। सामान्य दिनों में साउथ बिहार और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां बकाया बिजली बिल की राशि पर 1.25% ब्याज लेती है। इधर आयोग के फैसलों को दोनों कंपनियों ने लागू कर दिया है। वरीय पदाधिकारी के मुताबिक लॉक डाउन के दौरान जिनका बिजली बिल ऑन स्पॉट मीटर रीडिंग कर बन चुका है।
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