लॉकडाउन की वजह से बिहार में दूसरे प्रदेशों से बड़े पैमाने पर लौट कर आए श्रमिकों के लिए मनरेगा योजना बड़ी राहत बनकर आई है। श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के लिए राज्य के 13 सरकारी विभाग 4 लाख 66 हजार स्कीम चला रहे हैं। इसमें सिर्फ मनरेगा योजना के जरिए राज्य में औसतन 9 लाख 82 हजार 272 श्रमिकों को हर दिन काम मिला है। अन्य 12 विभागों ने मिलकर 2 लाख 81 हजार 036 श्रमिकों को रोजाना काम दिया है। लॉकडाउन से लेकर अब तक राज्य के 32 जिलों में 23 लाख 63 हजार 557 श्रमिक लौटे हैं। बचे हुए 6 जिलों को मिलाकर यह आंकड़ा 25 लाख से ऊपर हो जाएगा। बिहार में लॉकडाउन के दौरान 20 अप्रैल से ग्रामीण इलाकों में निर्माण कार्यों को शुरू करने की छूट मिली। उस समय से लेकर अबतक 13 विभागों के जरिए हर दिन 12 लाख 63 हजार 808 श्रमिकों (60 दिनों का औसत) को काम मिल रहा है। वैसे इन दिनों 15 लाख के आसपास श्रमिक अकेले मनरेगा योजना में ही काम कर रहे हैं। अन्य विभागों को मिलाकर यह संख्या प्रतिदिन 20 लाख श्रमिक पहुंच चुकी है।
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