पटना सहित राज्य के शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य चल रहा है। लेकिन, साउथ बिहार और नॉर्थ बिहार के प्रस्ताव पर लॉकडाउन के कारण बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने जनसुनवाईकर आदेश नहीं दिया है। इस पर बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने शुक्रवार को सुनवाईकी।
इस दौरान बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने आयोग को उपभोक्ताओं के द्वारा खुद से स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीद कर लगाने का सुझाव दिया है। इस पर आयोग ने साउथ बिहार और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से 14 जुलाईतक जवाब देने का आदेश दिया है। 21 जुलाईको आयोग जनसुनवाईकरेगा। इसके बाद स्मार्ट प्रीपेड मीटर के संबंध में आयोग अपनाफैसला देगा।
25 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का है प्रस्ताव
साउथ बिहार और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने पहले चरण में राज्य के 25 लाख उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का प्रस्ताव दिया है। यह मीटर एजेंसी के माध्यम लगाए जाएंगे। एक स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत 4500 रुपए है। मीटर लगाने वाली एजेंसी 5 साल तक मेनटेनेंस करने के लिए 3500 रुपए लेगी। इसकी कीमत बिजली बिल के रूप में उपभोक्ताओं से लिया जाएगा।
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन का सुझाव
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजय भरतिया ने कहा कि एक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का कुल खर्च 8000 रुपए आ रहा है। ऐसे में उपभोक्ताओं का बिजली बिल 50 से 60 पैसे प्रति यूनिट बिजली बढ़ाना पड़ेगा। ऐसे स्थिति में उपभोक्ताओं खुद स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीदकर लगाएंगे। बिजली कंपनी सिक्युरिटी मनी उपभोक्ताओं को वापस करेगी। इसके साथ ही समय पर बिजली बिल जमा करने वालों को 1.5 % और ऑन लाइन के माध्यम से समय पर बिजली बिल जमा करने वाली 1% अतिरिक्त छूट नहीं देना होगा। इसके साथ ही मीटर रीडर, बिलिंग करने में कागज आदि का खर्च नहीं लगेगा। ऐसी स्थिति में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले उपभोक्ताओं को 5% प्रतिशत बिजली बिल कम होनी चाहिए।
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