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समेकित बकरी, भेड़ और मुर्गी विकास योजना का लाभ लेने में बाधक हैं बैंक https://ift.tt/2N3yksV

पशुपालन विभाग द्वारा चलायी जा रही कई योजनाएं तकनीकी कारणों से पूरी तरह मूर्त रूप नहीं ले पा रही है। नतीजा लाभार्थी लाभ से वंचित रह जाते हैं। सबसे ज्यादा दो योजनाएं समेकित बकरी, भेड़ और मुर्गी विकास योजना को प्रभावित बताया जा रहा है। हालांकि इसके लिए विभाग बैंक को दोषी ठहरा रहा है। विभागीय पदाधिकारी के अनुसार इन योजनाओं को धरातल पर उतारने में बैंक बाधक बन रहा है और नियम कानूनों के पेंच में उलझाकर योजनाओं की स्वीकृति नहीं दे रहा है।

योजना से संबंधित लोन के लिए दिए गए अधिकांश आवेदन लंबित हैं। विभागीय पदाधिकारी की मनें तो इस संबंध में बैंक द्वारा कोई स्पष्ट जवाब भी नहीं दिया जा रहा है। डीएएचओ डॉ. अशोक कुमार विद्यार्थी ने बताया कि जिला कार्यालय से कार्यादेश मिलने के बाद कई लोगों ने बैंक में लोन के लिए आवेदन दिया था लेकिन अभी तक अधिकांश आवेदन लंबित है।
अधिकांश आवेदन लंबित: डीएएचओ ने बताया कि दोनो योजनाओं संबंधित बैंक से लोन के लिए कुल 22 लोगों ने आवेदन किया है जिसमें मात्र 1 व्यक्ति को समेकत बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत 10 प्लस 1 के लिए लोन स्वीकृत किया गया है। 8 आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया है। शेष 13 आवेदन अभी भी लंबित है। सबसे ज्यादा समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत 10 हजार क्षमता वाले लेयर फार्म के लिए 3 करोड़ 88 लाख लोन के लिए किए गए आवेदन लंबित है। वहीं 5 हजार क्षमता लेयर फार्म के लिए दिए गए 48.50 लाख का आवेदन अस्वीकृत कर दिया गया है।
3 करोड़ 37 लाख के लिए जमा हुआ आवेदन, मिली 1 की स्वीकृति
श्री विद्यार्थी ने बताया कि करीब 3 करोड़ 37 लाख लोन स्वीकृति के लिए आवेदन बैंकों को भेजा गया था। जिसमें से मात्र 1 की स्वीकृति मिली है। लंबित आवेदनों के बारे में बैंक द्वारा स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है कि किस कारण से यह लंबित है। जिसके कारण योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पा रही है। साथ ही मुख्यालय से भी जल्द से जल्द काम पूरा करने का आदेश दिया जा रहा है। ऐसी परिस्थिति में बैंक द्वारा अगर सहयोग नहीं मिलता है तो समय पर योजना को धरातल पर उतारने में काफी परेशानी होगी। विभाग की योजना अधूरी रह जायेगी।
योजना के धरातल पर उतरने से कई लोगों को रोजगार मिल सकेगा

विभाग द्वारा प्राप्त सूची के अनुसार कुल 7 बैंकों में लोन के लिए आवेदन दिया गया है। पीएनबी में 6, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक में 1, बैंक ऑफ इंडिया में 1, बैंक ऑफ बड़ोदा में 1, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 1, केनरा बैंक में 2 एवं विजया बैंक में 1 आवेदन लंबित है। वहीं केनरा बैंक से 1 आवेदन को स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक की विभिन्न शाखाओं से 7 एवं केनरा बैंक से 1 आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि योजना के धरातल पर उतरने से कई लोगों को रोजगार मिल सकेगा। यदि किसी तरह की समस्या आ रही हो तो बैंकों को जानकारी देनी चाहिए। समस्या को दूर कर योजनाओं की स्वीकृति दिलायी जायेगी।



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Banks are an obstacle in taking advantage of the Integrated Goat, Sheep and Poultry Development Scheme.


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