मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के लोग बैंकों पर भरोसा करते हैं। लेकिन, बैंक बिहारवासियों का पैसा विकसित राज्यों में लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री सोमवार को एसएलबीसी की 72वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में यह आंकड़ा सामने आया कि बिहार में लोगों ने 371783 करोड़ रुपए बैंकों में जमा किए जबकि बैंकों ने 152257 करोड़ रुपए यहां के लोगों को कर्ज दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए उद्योग, विशेषकर सुक्ष्म व लघु उद्योग को लगाने और उसे बढ़ावा देने में बैंक पूरा सहयोग दें। एमएसएमई क्षेत्र को ज्यादा से ज्यादा कर्ज उपलब्ध कराने की आवश्यकता को देखते हुए लक्ष्य को बढ़ाया जाए। राज्य में कई क्षेत्रों में उद्योग लगाने की संभावना है। निवेश करने वालों को सरकार हरसंभव मदद करेगी। बिहार की औद्योगिक प्रोत्साहन नीति में और अधिक सहूलियत देने पर विचार हो रहा है।
हर पंचायत में बैंक खोलें शाखाएं, हम मदद देंगे
सीएम बोले-सीडी रेशियो और एनुअल क्रेडिट प्लान में बैंक सुधार करें। बिहार में व्यापार बढ़ा है। अधिक से अधिक रोजगार सृजन में बैंकों की भूमिका है। बैंक इस जिम्मेदारी का निर्वहन करें। राज्य की हर पंचायत में बैंकों को शाखाएं खोलनी चाहिए। सरकार मदद देगी। देश में 11 हजार की आबादी पर एक शाखा है, बिहार में यह औसत 16 हजार की आबादी पर है।
केसीसी के लिए 3.70 लाख आवेदन, मंजूर हुए 50 हजार
सीएम ने कहा कि बिहार में कृषि उत्पादन और उत्पादकता दोनों ही बढ़ी है। कृषि विभाग ने किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए 3.70 लाख आवेदन बैकों को भेजे हैं जबकि बैंकों ने अब तक केवल 50 हजार आवेदनों को ही मंजूरी दी है।
जीविका समूह के लिए बढ़ाएं कर्ज की सीमा
राज्य में इस समय तक लगभग 9.5 लाख जीविका समूहों का गठन किया जा चुका है। हमारा लक्ष्य 10 लाख जीविका समूहों का है। जीविका समूह को चार चरण में 1 से 5 लाख तक कर्ज दिए जाते हैं। इसे 3 से 10 लाख रुपए करने की जरूरत है।
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