गलवान में चीनी सेना की धोखेबाजी के खिलाफ आक्रोश अब मुखर होने लगा है। गुस्सा भी ऐसा कि दुकानदार भी चीन का प्रोडक्ट बेचने से परहेज करने लगे हैं। छाता बाजार पटाखा मंडी में मो. मोजमम्मिल अली ने तो अपनी दुकान के आगे बहिष्कार का बैनर भी लगा दिया है, जिस पर लिखा है - चाइना का सामान हमारे यहां नहीं मिलता है। मो. मोजमम्मिल की छाता बाजार में सजावट सामग्री और पटाखे की दुकान है। सरस्वती पूजा से पहले उन्होंने कोलकाता से सजावट के लिए लड़ी, कृत्रिम फूल, गुलदस्ता आदि मंगवाए थे।
बिक्री के बाद भी कुछ बच गया था। जब से गलवान घाटी में देश के जवानों पर धोखे से चीनी सैनिकों के हमले और 20 जांबाजों के बलिदान की खबर सुनी। उसके अगले ही दिन चीन के सभी प्रोडक्ट को हटा दिया। वह दुकान में 30 प्रतिशत सामान चाइना का रखते थे। मो. मोजमम्मिल कहते हैं सिर्फ सरकार पर चीनी प्रोडक्ट बैन करने का दबाव बना अपने दायित्व से पल्ला न झाड़ें। हम चाइनीज प्रोडक्ट नहीं बेचेंगे और लोग नहीं खरीदेंगे तो अपना देश उत्पादन और क्वालिटी दोनों में आगे होगा। चीनी हमले के बाद अब लोग पूछ कर गर्व से अपने देश में उत्पादित सामान लेने लगे हैं। ऐसा ही रुझान दूसरे दुकानदारों में भी दिख रहा है।
इधर, चैंबर ऑफ काॅमर्स ने चाइनीज सामान के बहिष्कार का लिया निर्णय, कहा- चीन को आर्थिक चाेट पहुंचाना है जरूरी
नाॅर्थ बिहार चैंबर ऑफ काॅमर्स की बैठक में गुरुवार काे शहीदाें काे श्रद्धांजिल देने के बाद चाइनीज सामान के बहिष्कार का निर्णय लिया गया। चैंबर अध्यक्ष माेतीलाल छापड़िया ने कहा कि चीन देश से नकली माल के बदले यहां से पैसा भी ले जा रहा है। ऊपर से दर्द भी दे रहा है। सरकार काे भी आयात पर ठाेस कदम उठाना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि चैंबर चाइनीज सामान के बहिष्कार के लिए लाेकल और वाेकल का अभियान चलाकर आम लाेगाें और दुकानदाराें काे जागरूक करेगा। पूर्ण बहिष्कार अब जरूरी है। बैठक में अनूप ककरानिया, रवि माेटानी, संजय हिसारिया, श्रीराम बंका, सुनील बंका, शिवरतन ढंढारिया, राजीव केजरीवाल आदि माैजूद थे।
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