बरसात का मौसम अभी पूरी तरह से आया भी नहीं कि गंगा सामान्य से 7.725 मीटर ऊपर बहने लगी है। किसी को याद ही नहीं है कि गंगा में इससे पहले किस वर्ष में जून माह में इतना पानी आया था। पिछले साल की तुलना में 7.725 मीटर अधिक गंगा का जलस्तर होने से अभी ही बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। अब हर दिन प्रति घंटे दो सेंटीमीटर गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है।
पिछले 12 घंटे में 24 सेमी जलस्तर बढ़ा है।
बढ़ते जलस्तर के कारण अब बेगूसराय में मटिहानी प्रखंड के तटीय गांव में भीषण कटाव शुरू हो गया है। जिसके कारण चाक, छितरौर, खोरमपुर गांव के लोगों का घर गंगा में विलीन होने के कगार पर पहुंच गया है। लोग भयभीत हैं, गांव की महिलाएं गंगा की पूजा करने लगी हैं, मन्नतें मांगी जा रही है कि हे गंगा मैया अभी लौट जाओ, नहीं तो हमारा गांव बर्बाद हो जाएगा। आठ हजार की आबादी पर ये खतरा मंडरा रहा है।
क्या है वर्तमान जलस्तर
वर्तमान में गंगा का स्तर हाथिदा में 38.44 है। जबकि खतरे का निशान 41.76 है। जबकि जून माह में पिछले साल 30 जून को गंगा का जलस्तर 34.035 था।
इन इलाकों के लोगों में है डर
कटाव के कारण चाक, छितरौर, खोरमपुर, नायागांव के लोगों में काफी भय का माहौल है। छितरौर में तो भय के कारण वहां की महिलाएं प्रतिदिन गंगा की पुजा शुरू कर चुकी है। बुलबुल देवी, उमा देवी, भगवती देवी समेत करीब दर्जन भर से अधिक महिलाएं हर दिन गंगा किनारे जाकर पूजा करती है। महिलाओं ने बताया कि आज से करीब 30 वर्ष पहले जब इसी तरह का कटाव हुआ था और गंगा बांध के किनारे पहुंच गई तो पुजा करने से गंगा मैया लौट गई थी और काफी दूर चली गई थी।
बचाव कार्य शुरू पर कटाव स्थल पर कटाव जारी
मालूम हो कि गंगा कटाव को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर कटाव निरोधी कार्य शुरू कर दिया गया है। छितरौर के पास करीब एक हजार मजदूर दिन रात बोरे में मिट्टी भरने का काम कर रहे हैं। लेकिन जिस जगह पर कटाव निरोधी कार्य हो रहा है उससे कुछ मीटर दूर ही भीषण कटाव हो रहा है, लेकिन वहां अबतक किसी की नजर नहीं गई है।
15 दिन में आधा किमी. भू-भाग गंगा में समाया
बढ़ते जलस्तर के कारण कटाव काफी तेज हो गया है। कटाव की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पन्द्रह दिनों में तेज धार ने आधा किलोमीटर भू भाग को काटकर गंगा आबादी के नजदीक पहुंच चुकी है। लोगों को डर है कि कटाव की अगर यही रफ्तार रही तो उनके गांव का कोई नामो निशान नहीं बचेगा। छितरौर मंदिर समेत घनी आबादी से गंगा की दूरी महज पांच मीटर रह गई है। ग्रामीण मनोहर सिंह ने बताया कि इस संबंध में बेगूसराय सांसद से लेकर सीओ और अन्य अधिकारी को सूचना दी गई है, लेकिन फ्लड फाइटिंग कार्य शुरू कराने का आश्वासन तो दिया गया है, लेकिन तेज कटाव होने के बाद भी कटाव रोकने का कोई काम नहीं शुरू किया जा सका है।
क्या होगा अगर इसी तरह होता रहा कटाव
आने वाले 10-15 दिनों में गंगा मोहल्ले में प्रवेश कर जाएगी। दर्जन भर पक्के और कच्चे मकान गंगा में विलीन हो जाएंगे। इतना ही नहीं गंगा का जलस्तर बढ़ने और बाढ़ आने पर शायद गांव का निशान भी नहीं मिलेगा। 12 जून के पूर्व तक प्री मानसून की बारिश और उसके बाद मानसून की बारिश हो रही है। जिले में सामान्य वर्षापात का औसत जून माह का 144.2 मिमी है। जिला सांख्यिकी विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में 27 जून तक 129.8 मिमी बारिश का अनुमान था, लेकिन जिले में 196.7 मिमी बारिश हो चुकी है। यानि 27 जून तक ही जिले में सामान्य से 66.9 मिमी बारिश हुई है।
प्री-मॉनसून ने जलस्तर बढ़ाया
प्रमंडल के एग्जीक्यूटिव महेश प्रसाद सिंह ने बताया कि जून माह में शुरू हुए प्री मानसून की बारिश ने नदियों के जलस्तर को बढ़ा दिया है। जिसके कारण गंगा समेत सहायक नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। साथ ही कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, जिस रफ्तार से गंगा बढ़ी है हो सकता है समय से पहले ही पानी निकल भी जाए। ऐसे जिला प्रशासान, बाढ़ प्रमंडल सहित सभी अधिकारी दिन रात इस पर नजर बनाएं है। साथ ही बचाव कार्य भी काफी तेजी से चलाया जा रहा है।
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