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24 घंटे में महानंदा के जलस्तर में 17 सेमी की वृद्धि, खतरे के निशान से 46 सेमी ऊपर, आवाजाही बंद https://ift.tt/38i37MI

24 घंटे में महानंदा के जलस्तर में 17 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई। शिवगंज डायवर्सन से पूरी तरह आवाजाही बंद हो गई है। कई गांव टापू बन गए हैं। कदवा, आजमनगर, प्राणपुर और बलरामपुर प्रखंड के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। महानंदा नदी खतरे के निशान से 46 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। कदवा के शिवगंज में पुल नहीं बना। डायवर्सन के ऊपर से 4 फीट बाढ़ का पानी बह रहा है। जिससे कदवा में 12 पंचायतों का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट चुका है।

कदवा के धपरसिया, तेतालिया, जाजा, शिकारपुर, भर्री और धनगामा पंचायत पूरी तरह बाढ़ प्रभावित है। लोग घर छोड़ निकल रहे हैं। बलरामपुर के तेलता मुख्य सड़क का डायवर्सन ध्वस्त हो गया, जिससे एक दर्जन से अधिक गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से भंग हो गया है। प्राणपुर प्रखंड के गजहर व ग्रामदेवी गांव पूरी तरह बाढ़ में घिरकर टापू बन गया है। इन गांवों के लोगों के लिए आवागमन का सहारा मात्र नाव ही बचा है। आजमनगर का भी यही हाल है आजमनगर के बैरिया गांव पूरी तरह बाढ़ से घिर गया है। जबकि बढ़ते जलस्तर से आजमनगर में बांधपर दबाव बढ़ रहा है।

कदवा गांव के घर में घुसा बाढ़ का पानी।

कदवा में रविवार की रात से ही बाढ़ का तांडव जारी है। सोनैली-पूर्णिया मुख्य सड़क पर वाहनों का परिचालन ठप हो गया है। दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालय एवं अनुमंडल मुख्यालय से भंग हो गया है। बाढ़ के कारण कदवा के एक दर्जन से भी अधिक गांव धनगामा, मुकुरिया, मंझेली, मोहना, परलिया, कुजिबन्ना, कबैया, महादलित टोला कदवा, परलिया, नंदनपुर, बड़ाबाध, भर्री आदि में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। लोग ऊंचे स्थान पर पलायन कर रहे हैं। सोनैली-पूर्णिया मुख्य सड़क अंतर्गत काली मंदिर के समीप डायवर्सन के ऊपर लगभग चार फीट पानी का बहाव हो रहा है, जिससे यातायात ठप हो गया है।

प्राणपुर के लोगों के आवागमन का एक मात्र जरिया नाव है। सड़कें पानी में डूब गईं हैं।

नाव बनी आवागमन का सहारा
प्राणपुर महानंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि से गजहर व ग्रामदेवी गांव पानी से घिर गया है। आवागमन का एक मात्र सहारा नाव है। सड़कें पानी में डूब चुकी हैं। लोग अपने-अपने पशुओं, अनाज सहित अन्य समान को लेकर ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। आजमनगर के चौहलर पंचायत का चांदपुर बैरिया गांव पूरी तरह टापू में तब्दील हो गया है। महानंदा नदी के उफान से लोगों को 2017 का जल प्रलय याद आने लगा है। लोग काफी भयभीत हैं।

गोबराही दियारा से नाव में अनाज और अन्य सामान रखकर आए बाढ़ प्रभावित लोग।

प्रखंड मुख्यालय का सड़क संपर्क भंग
बलरामपुर से तेलता मुख्य सड़क पर बना डायवर्सन ध्वस्त हो गया है। एक दर्जन से अधिक गांव का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। कई पंचायतों के निचले इलाके के गांवों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। सिहागांव पंचायत के चिकनी गांव के पास सड़क पर डायवर्सन पर पानी भर जाने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। इससे प्रखंड मुख्यालय का अनुमंडल से सड़क संपर्क भंग होने की आशंका बढ़ गई है। बाढ़ का पानी फैलने से पटसन एवं धान का बिचड़ा सहित अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन की तरफ से अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

शिवगंज डायवर्सन के ऊपर से बहता पानी।

यह है नदियों की हाल: झौआ, बहरखाल, आजमनगर, धबौल, कुरसेल और दुर्गापुर में महानंदा खतरे के निशान से उपर है। झौआ में डेंजर लेवल 31.40 है अभी यहां का जल स्तर 31.86 है। बहरखाल का डेंजर लेवल 31.09 है। अभी यहां महानंदा 31.47 पर बह रही है। आजमनगर में डेंजर लेवल 29.89 है, जबकि वर्तमान जल स्तर 30.58 है। धबौल में डेंजर लेवल 29.26 है और यहां वर्तमान में जल स्तर 29.96 है। कुरसेल में डेंजर लेवल 31.40 है जो सोमवार की शाम 31.85 तक पहुंच गई है। दुर्गापुर में भी डेंजर लेवल 28.05 से महानंदा नदी 70 सेमी बढ़ोत्तरी करते हुए 28.75 पहुंच गई है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार महानंदा नदी का जल स्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है।



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कदवा के शिवगंज में नाव से आवागमन करते लोग।


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