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बारिश के 36 घंटे बाद भी स्मार्ट सिटी का 70% हिस्सा बना है गंदे पानी का तालाब https://ift.tt/30HjQFy

बारिश छूटे भी 36 घंटे से अधिक गुजर गए। लेकिन, शहर का अधिकतर हिस्सा गंदे पानी का तालाब बना है। दो दिनों तक लगातार हुई बारिश में तो लोगों ने दुर्दशा झेली ही। अब भी सड़क से लेकर घर व परिसर में भी पानी जमा है। वह भी इतना गंदा कि पैर रखना मुश्किल। जहरीले सांप-बिच्छुओं का आतंक व बदबू से भी परेशानी। यानी, अपने ही घर में यातना झेल रहे हैं शहरवासी। उधर, सड़कें इतनी जर्जर हैं कि जलजमाव के बीच कहीं निकलना मुश्किल है।

दोपहिया तो दूर, चार चक्का वाहन लेकर निकलने वालों को भी आधे रास्ते से लौटना पड़ता है। कई बाइक, ऑटो, रिक्शा पर सवार लोग गिर कर दुर्घटनाग्रस्त भी होते हैं। पानी टंकी चौक-मिठनपुरा रोड, जवाहरलाल रोड समेत कई इलाकों में जलजमाव के बीच रोड काफी टूट चुका है।‌ पानी की निकासी के लिए नगर निगम ने जगह-जगह नाले के स्लैब को या तो हटा दिया है या तोड़ दिया है। इससे भी कई जगह परेशानी बढ़ गई है। जलजमाव के बीच पता ही नहीं चल रहा कि कहां रोड सही है और कहां टूटा हुआ।

जब निदान करना चाहिए तब सोए हुए थे, अब स्लैब तोड़ नाले की सफाई कर रहे : खुले नाले में गिरकर घायल हो रहे लोग

बरसात से पहले नाले की सफाई नहीं होना शहरवासियों पर भारी पड़ रहा है। एक तरफ लोग भारी जलजमाव से परेशान हैं, तो दूसरी तरफ खुले नाले में गिर कर घायल हो रहे हैं। मिठनपुरा क्लब रोड में सफाई और पानी निकासी के लिए जगह-जगह निगम की ओर से नाले के स्लैब को तोड़ दिया गया है। मिठनपुरा रोड से वीसी लेन जाने वाली गली के मुहाने पर ही नाले पर बनी आधी सड़क टूट गई है। आने-जाने वाले अनजान लोग इसमें गिर जा रहे हैं। बुधवार को एक बाइक सवार इसमें गिर गया। आसपास के लोगों ने सहारा देकर उस बाइक सवार को किसी तरह बाहर निकाला।

जलजमाव से दो दिनों में मिलेगी निजात : मंत्री

नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने शहर से पानी की निकासी के लिए नगर निगम को युद्ध स्तर पर कार्य करने का आदेश दिया है। पानी निकासी के लिए पटना से दो और 85 एचपी के पंप मंगवाए जा रहे हैं। गुरुवार को पंप पहुंच जाएगा। मंत्री ने कहा कि अगले दो दिनों में शहर के अधिकांश हिस्सों से जलजमाव दूर करने का निर्देश दिया गया है। बेला में 85 एचपी का पंप लगाया गया है तथा एक स्थान पर सड़क काट कर पानी निकासी की जा रही है। सिकंदरपुर तथा अखाड़ाघाट में 28-28 एचपी के दो पंप लगा नदी में पानी फेंका जा रहे है।

बियाडा के उद्योगों में जलजमाव के कारण 150 यूनिट में उत्पादन पूरी तरह ठप, सवा करोड़ से अधिक के माल खराब

बारिश से हुए भारी जलजमाव से बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के बेला इंडस्ट्रियल एस्टेट का बुरा हाल है। दो दिनों के बाद भी औद्योगिक क्षेत्र ही नहीं कई उद्योगों के अंदर पानी घुसा हुआ है। बुधवार को भी तक़रीबन 150 उद्योगों में उत्पादन पूरी तरह से ठप रहा। भीषण जलजमाव से उद्योग और गोदाम में रखे कच्चा और तैयार माल का भी भारी नुकसान हुआ है। उद्यमी संगठनों ने फिलहाल सवा करोड़ से अधिक का माल ख़राब होने का अनुमान लगाया है। उत्पादन ठप होने से नुकसान अलग है।

बियाडा की स्थिति है कि पानी कम होने के लिए बारिश थमने का इंतजार कर रहा है। बियाडा के अनुसार आगे बारिश नहीं हुई तो 24 घंटे में औद्योगिक क्षेत्र से पानी कमने लगेगा। जबकि, उद्यमी नुकसान की भरपाई के लिए बियाडा पर नजरें टिकाए हैं। वैसे जिला प्रशासन और निगम के सहयोग से हाई पावर का एक पंप सेट लगाया गया है। लेकिन, यह भी पानी के जल्द निकासी के लिए नाकाफी है। लघु उद्योग भारती के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्याम भीमसेरिया ने कहा कि जलजमाव से उद्यमियों का करोड़ों का माल ख़राब हो गया है। बियाडा से जल्द पानी की निकासी का इंतजाम करने के लिए कहा गया है।



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Even after 36 hours of rain, 70% of the smart city remains a dirty water pond


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